सम्मानित हुए कर्मठ, सफर बना तीर्थ, सिंधियत की शहनाई,और ढोल की थाप के साथ शुरू हुआ भारतीय सिंधु सभा की धर्म यात्रा का सफर
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-06-15 08:28:53

सम्मानित हुए कर्मठ, सफर बना तीर्थ,
सिंधियत की शहनाई,और ढोल की थाप के साथ शुरू हुआ भारतीय सिंधु सभा की धर्म यात्रा का सफर,
साधुवाद है भारतीय सिंधु सभा का
जय सिंधु मैया ,वंदे मातरम ,भारत माता की जय, जय हिंद की गूंज से गूंज उठा कश्मीर,कारगिल का आसमान
सिंधु दर्शन यात्रा 2025 निर्विधन हुई पूर्ण, कर्मठ सहयोगियों का आभार
सिंधु नदी दर्शन और सिंधु यात्रा बहुत सफल रहा ऐसे मेले लगातार लगते रहे , सिंधियत जिंदा रहे
सर्वप्रथम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जाने
एक समर्पित भाव से ,देश प्रेम से, निष्ठा से,
अपने वतन के प्रति राष्ट्र प्रेम से जीने वाला संगठन
अगर हम उसको यू कहे संगठन का सोच कुछ अलग है ( मेरी जिंदगी मेरी अपनी नहीं बल्कि मेरे अपनों के लिए है) और वह अपने हैं हम, जागो हिंदुओं,अभी जागो अभी समय है( व अलग-अलग होकर भी एक है और हम एक होकर भी एक नहीं)
अगर टुकड़ों में मेरे शब्दों को समझ सको तो सही अन्यथा कोई बात नहीं, पहले यह समझोगे भारतीय सिंधु सभा को इस यात्रा को शुरुआत करने की जरूरत क्यों इस यात्रा की शुरुआत माननीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी की सोच से शुरू, हुई सच्च मे सिधीयत को जगाना,अपने धर्म की रक्षा करना, अपने आप को पहचानना अपने वजूद को, अपने बच्चों को जो सिंधी भाषा भूल चुके हैं
आजसिंधु नदी के जल को पीकर हम यह संकल्प ले कि हम अपने परिवार के साथ-साथ देश प्रेम के लिए जिएंगे, तभी हमारी यात्रा सफल सिद्ध होगी यह यात्रा एंजॉय के लिए यह नहीं है अपने वजूद को पहचानने की है
अभूतपूर्व व अविस्मरणीय पावन सिंधु दर्शन यात्रा 2025,
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि श्री चंद्रकांत जी का उद्बोधन ज्ञानवर्धक एवं हिंदू संस्कृति को प्रसारित करने हेतु संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
श्री राजेश वाधवानी ,सुरेंद्र लछवानी जी ,मुकेश लखवानी जी ,कांति भाई पटेल एवं टीम के समस्त सदस्यों का परिवार के सदस्यों की तरह मित्रवत व्यवहार, यथायोग्य सम्मान, हर वक्त उपस्थित रह कर सहयोग एवं मार्गदर्शन देते रहना , अत्यंत सराहनीय रहा ।
उद्घाटन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम साहित्य अकादमी भोपाल द्वारा प्रस्तुत श्रेष्ठ रहा। पुलिस बैंड की प्रस्तुति एवं लद्दाखी डांस विशेष सराहनीय रहे।
मनाली में 12 जून 2025 के समापन कार्यक्रम में श्रद्धालुओं दिल से नाचना , मधुर गान , फोटोज में स्पष्ट नजर आ रहा है।
धार्मिक, साहसिक यात्रा के साथ पर्यटन की दृष्टि से भी यह यात्रा अत्यंत सुखद रही। सेवादारों को सम्मानित भी किया गया
श्रद्धालुगणो से निवेदन है कि अपने-अपने राज्यों में जाकर इस सुखद यात्रा का वर्णन लिखकर अपने ग्रुप पर प्रसारित कर सहयोग करेंगे।परमात्मा एवं सिन्धु माता की कृपा से सिन्धु दर्शन यात्रा 2025 निर्विघ्न पूर्ण हुई,आप सभी यात्रियों का भी भरपूर सहयोग मिला,इसके लिए आप सभी को अनेकानेक धन्यवाद। 33 यात्री दो सारथी
आगामी वर्ष की यात्रा के लिए आप अपने परिचितों को सिन्धु दर्शन के।लिए प्रेरित करेंगे,ऐसी आशा है। पिछले 3 साल से लगातार कोशिश में था की यात्रा में जाऊंगा मगर माता का हुक्म नहीं था इस बार सिंधु नदी ,लेह लद्दाख की सर जमीन पर वरिष्ठ सेवादारो ने मुझे भी सम्मानित किया गया यह मेरा सौभाग्य साधुवाद भारतीय सिंधु सभा को
पुनः आप सभी का धन्यवाद जय भारत,जय सिन्धु माता अत्यंत हर्ष दायक यात्रा, मात्र 12 दिन में चारो मौसम और पहली बार यात्रियों ने इस यात्रा में स्नो फॉल देखा, साथ ही दुनिया के सबसे शानदार और नानी याद दिलाने वाले दर्रे देखे
अभूतपूर्व आयोजन के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत एक लाइन के साथ..... फिर मिलोगे कभी इस बात का वादा कर लो हमसे एक और मुलाकात का वादा कर लो
सिंधु दर्शन महोत्सव सिंधु दर्शन को मैनेज करने वाली पूरी टीम राजेश कुमार वाधवानी, सुरेंद्र लक्ष्वानी, कांति कुमार पटेल एवं आदि जो भी सहयोगी उनके हैं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे इसी प्रकार हमेशा टीम वर्क बनाकर सिंधु दर्शन महोत्सव लोगों को कराते रहें एवं सिंधु दर्शन का महत्व लोगों को समझ में आता रहे
पूरे सफर में बहुत ही आनंद आया यादगार सफल रहा। सफर का मेन उद्देश्य सिंधु दर्शन था
अगर किसी को प्रेरित करेंगे तो उसे मेन उद्देश्य सिंधु दर्शन करना है यह ध्यान रखेंगे
माता सिंधु नदी व आप सभी सिंधु यात्रा के सह यात्रियों के सहयोग से हमारी यात्रा सकुशल पूर्ण हुई सभी को धन्यवाद जय सिंधु मैया, वंदे मातरम, भारत माता की जय, जय हिंद की गूंज से गूंज उठा कारगिल
सिंधु दर्शन यात्रा 2025 निर्विध्न हुई पूर्ण कर्मठ सहयोग सहयोगियों को का आभार
सिंधु दर्शन और सिंधु यात्रा बहुत सफल रहा ऐसे मेले लगातार लगते रहे सिंधिय त जिंदा रहे
फिर मिलोगे कभी इस बात का वादा करो हमसे एक और मुलाकात का वादा कर लो
अन्य खट्टी मीठे अनुभव के साथ मेरा वादा है पुरी यात्रा के संपादित अंश आपको अच्छे लगेंगे! बहुत जल्द आपके समक्ष लेकर आऊंगा, झूलेलाल बेड़ा प्यार सदा सदा साहूकार, विदा होता हूं इन दो शब्दों के साथ जिंदा रहे तो फिर मिलेंगे नहीं रहे तो अलविदा