भीषण सड़क हादसा: कित्तूर में टैंकर ने रौंदा कईं जिंदगियों को, लापरवाही की कीमत चुकाई मासूमों ने
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-06-02 12:54:06

सड़कें, जो हमें एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती हैं, कभी-कभी मौत का रास्ता बन जाती हैं। कर्नाटक के बेलगावी जिले में रविवार दोपहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई एक दर्दनाक घटना ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया। काम से लौट रहे तीन मजदूरों को एक अनियंत्रित टैंकर ने रौंद डाला, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि उन अनगिनत लापरवाहियों और यातायात सुरक्षा के प्रति उदासीनता का परिणाम है, जो अक्सर ऐसी त्रासदियों को जन्म देती हैं।
बेलगावी में दर्दनाक सड़क हादसा, 3 मजदूरों की मौत
कर्नाटक के बेलगावी जिले के कित्तूर तालुका में इतागी क्रॉसिंग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार दोपहर एक भीषण सड़क हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह दर्दनाक घटना तब हुई जब एक टैंकर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे काम कर रहे मजदूरों पर चढ़ गया और फिर खुद भी पलट गया। यह हादसा सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी और तेज रफ्तार का एक और भयावह उदाहरण बन गया है। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है और स्थानीय प्रशासन पर सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ा दिया है।
हादसे का शिकार हुए मजदूर और घायलों की स्थिति
मृतकों की पहचान रामचंद्र जाधव (45), उनके बेटे महेश जाधव (18) और रमेश (38) के रूप में हुई है। ये सभी मजदूर राजमार्ग पर मरम्मत का काम खत्म कर अपने घर लौट रहे थे, तभी काल बनकर आए टैंकर ने उन्हें कुचल दिया। इस हादसे में घायल हुए लोगों में भीमावा (55) शामिल हैं, जिनके दोनों पैर काटने पड़े हैं; लक्ष्मीबाई जाधव (38), अनुश्री (18) और टैंकर का मंगलुरु स्थित चालक दिनेश शेट्टी (45) भी घायल हैं। सभी घायलों को बेलगावी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार, मृतक और घायल सभी कलाबुरगी के रहने वाले हैं। इस घटना ने इन परिवारों की जिंदगी में गहरा अंधकार ला दिया है।
प्रत्यक्षदर्शी का बयान और पुलिस की कार्रवाई
मृतक रामचंद्र की पत्नी लक्ष्मीबाई ने दुखद बयां करते हुए कहा, "हम कुल 6 लोग सुबह 7 बजे काम पर आए थे। रविवार होने के कारण हमने दोपहर में काम खत्म कर घर के लिए प्रस्थान किया। टैंकर चालक फोन पर बात कर रहा था। जैसे ही हम आसपास देख रहे थे, अचानक वाहन ने हमें टक्कर मार दी। मेरे पति, बेटा और एक और व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। मैं और दो अन्य घायल हो गए। हमें यहाँ काम करते हुए आठ महीने हो गए थे। अब मेरे पति और बेटे, जो मेरा सहारा थे, मुझे अकेला छोड़कर चले गए हैं।" इस प्रत्यक्षदर्शी बयान से टैंकर चालक की लापरवाही स्पष्ट होती है। कित्तूर पुलिस स्टेशन की एक टीम और पुलिस अधीक्षक डॉ. भीमाशंकर गुलेडा ने मौके का दौरा कर निरीक्षण किया है। कित्तूर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन और चालकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।