रूह कंपा देने वाला अंत: 20 करोड़ के कर्ज ने ली 7 जिंदगियां, पंचकुला में सामूहिक आत्महत्या का दर्दनाक मंजर


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-30 17:21:26



रूह कंपा देने वाला अंत: 20 करोड़ के कर्ज ने ली 7 जिंदगियां, पंचकुला में सामूहिक आत्महत्या का दर्दनाक मंजर

हरियाणा के पंचकुला से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। एक ही परिवार के सात सदस्यों ने कथित तौर पर सामूहिक आत्महत्या कर ली, जिससे हर कोई स्तब्ध है। यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का एक भयावह प्रतिबिंब है। क्या ऐसे कदम के पीछे केवल वित्तीय संकट ही वजह है, या इसके पीछे और भी गहरे और अनकहे कारण छिपे हैं? यह सवाल आज हर ज़ुबान पर है, और पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

दर्दनाक घटना का खुलासा: एक ही कार में मिलीं सात लाशें

यह हृदय विदारक घटना पंचकुला के सेक्टर 27 में सामने आई, जहाँ एक कार के भीतर एक ही परिवार के छह सदस्य मृत पाए गए, जबकि सातवें सदस्य ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान प्रवीण मित्तल (42), उनकी पत्नी रीना, माता-पिता देशराज मित्तल और विमला, और उनके तीन बच्चे – 14 वर्षीय हार्दिक और 11 वर्षीय जुड़वां बेटियां ध्रुविका और दलिशा – के रूप में हुई है। यह परिवार मूल रूप से देहरादून का रहने वाला था और कुछ महीने पहले ही पंचकुला के साकेतारी में किराए के मकान में शिफ्ट हुआ था। स्थानीय निवासियों ने देर रात एक सुनसान प्लॉट के पास एक एसयूवी को संदिग्ध अवस्था में खड़ा देखा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पाया कि कार के अंदर छह लोग अचेत अवस्था में थे, जबकि प्रवीण मित्तल अभी भी अर्ध-चेत अवस्था में थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, सभी को मृत घोषित कर दिया गया।

वित्तीय संकट और सुसाइड नोट का रहस्य

पंचकुला के डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में दो सुसाइड नोट बरामद हुए हैं। इन नोटों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि परिवार ने "वित्तीय संकट" के कारण यह चरम कदम उठाया। पुलिस के अनुसार, प्रवीण मित्तल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह दिवालिया हो गए हैं और इस कदम के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि उनके ससुर को परेशान न किया जाए और अंतिम संस्कार उनके चचेरे भाई संदीप अग्रवाल द्वारा किया जाए। परिवार के एक रिश्तेदार संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रवीण मित्तल पर लगभग 20 करोड़ रुपये का भारी कर्ज था और उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। यह भी जानकारी मिली है कि परिवार ने करीब नौ साल पहले पंचकुला छोड़ दिया था, तब भी वे भारी नुकसान झेल रहे थे और अपनी संपत्ति, अपार्टमेंट, कार और बद्दी स्थित एक फैक्ट्री को छोड़कर देहरादून चले गए थे। देहरादून में प्रवीण एक टैक्सी व्यवसाय चला रहे थे, जिसमें उन्हें और नुकसान हुआ।

बागेश्वर धाम और अंतिम क्षणों की कहानी

पुलिस की जांच से पता चला है कि परिवार सोमवार को पंचकुला में बागेश्वर धाम के हनुमान कथा कार्यक्रम में शामिल होने आया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद, वे देहरादून लौट रहे थे, लेकिन रास्ते में उन्होंने यह दर्दनाक कदम उठाया। एक स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने बताया कि उन्होंने कार को अपनी गली में खड़ा देखा था और कार के अंदर उल्टियां हुई थीं। जब उन्होंने प्रवीण मित्तल से बात की, तो प्रवीण ने कहा कि वे कर्ज में डूबे हुए हैं और इसलिए यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रवीण ने कहा था कि वह पांच मिनट में मरने वाले हैं। इस घटना ने एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां किस प्रकार व्यक्तियों और परिवारों को ऐसे भयावह निर्णय लेने पर मजबूर कर सकती हैं। पुलिस अब सभी कोणों से जांच कर रही है और परिवार के रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि इस त्रासदी के पीछे के सभी तथ्यों को उजागर किया जा सके।


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