करदाताओं को बड़ी राहत: आईटीआर भरने की अंतिम तिथि बढ़ी, अब 15 सितंबर तक मौका


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-30 13:16:06



 

करदाताओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है! केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ा दिया है, जिससे देश के लाखों करदाताओं को राहत मिली है। यह फैसला सिर्फ एक तारीख का विस्तार नहीं, बल्कि आईटीआर फॉर्म में हुए महत्वपूर्ण बदलावों, सिस्टम विकास की आवश्यकताओं और टीडीएस क्रेडिट के सही ढंग से दिखने में लगने वाले समय को देखते हुए लिया गया है। इस विस्तार से यह सुनिश्चित होगा कि हर कोई आसानी से और अधिक सटीकता से अपना रिटर्न दाखिल कर सके। आइए जानते हैं क्या है यह बदलाव और क्यों है यह करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण।

आईटीआर फाइलिंग की नई अंतिम तिथि: 15 सितंबर 2025

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। यह खबर उन सभी करदाताओं के लिए राहत लेकर आई है, जिनके खातों का ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं होती, जिनमें अधिकांश वेतनभोगी कर्मचारी शामिल हैं। इस निर्णय से करदाताओं को अब रिटर्न दाखिल करने के लिए लगभग 46 अतिरिक्त दिन मिल गए हैं, जिससे उन्हें अपनी वित्तीय जानकारी को सही ढंग से संकलित करने और त्रुटियों से बचने का पर्याप्त समय मिलेगा।

तिथि विस्तार के मुख्य कारण: ITR फॉर्म में संशोधन और तकनीकी आवश्यकताएं

CBDT ने इस तिथि विस्तार के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए हैं:

आईटीआर फॉर्म में महत्वपूर्ण संशोधन: 

आकलन वर्ष 2025-26 के लिए जारी किए गए नए आईटीआर फॉर्म में संरचनात्मक और सामग्री दोनों स्तरों पर व्यापक बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सही जानकारी दर्ज करना सुनिश्चित करना है। इन संशोधनों को समझने और उनके अनुसार रिटर्न तैयार करने के लिए करदाताओं को अधिक समय की आवश्यकता है।

सिस्टम डेवलपमेंट की आवश्यकताएं: 

नए फॉर्म और उनके बदलावों को समायोजित करने के लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण विकास, एकीकरण और परीक्षण की आवश्यकता है। इन तकनीकी अपडेट्स को पूरा करने में समय लगता है, और जब तक यूटिलिटी टूल्स पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाते, तब तक करदाताओं के लिए ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करना मुश्किल होगा।

टीडीएस क्रेडिट रिफ्लेक्शन: 

टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) विवरण दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई 2025 है। इन विवरणों से उत्पन्न होने वाले टीडीएस क्रेडिट आमतौर पर जून की शुरुआत में करदाता के फॉर्म 26AS या वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में दिखने लगते हैं। यदि अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई जाती, तो करदाताओं के पास टीडीएस क्रेडिट के सही ढंग से प्रदर्शित होने से पहले ही रिटर्न दाखिल करने के लिए बहुत कम समय बचता। यह सुनिश्चित करने के लिए कि करदाता अपने टीडीएस क्रेडिट को सही ढंग से सत्यापित कर सकें, अतिरिक्त समय प्रदान करना आवश्यक था। 

सुगम और सटीक फाइलिंग अनुभव का लक्ष्य

CBDT का लक्ष्य इस विस्तार के माध्यम से सभी करदाताओं के लिए एक सुगम और अधिक सटीक फाइलिंग अनुभव सुनिश्चित करना है। यह कदम हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने और अनुपालन के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने की उम्मीद है, जिससे रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया की अखंडता और सटीकता सुनिश्चित होगी। इस संबंध में जल्द ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी, जो इस विस्तार को कानूनी रूप देगी। यह करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत है, जो उन्हें बिना किसी जल्दबाजी या गलती के अपने आयकर दायित्वों को पूरा करने में मदद करेगा।


global news ADglobal news AD