विदेश में नौकरी का सपना टूटा: कोयंबटूर की महिला से ₹64 लाख की ठगी, साइबर पुलिस सक्रिय
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-30 09:47:13

आज के डिजिटल युग में जहाँ अवसर असीमित हैं, वहीं धोखाधड़ी का जाल भी बड़े पैमाने पर फैल रहा है। कोयंबटूर से सामने आई एक ऐसी ही चौंकाने वाली घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है, जहाँ एक महिला उद्यमी को "कम लागत वाली विदेशी नौकरी" के आकर्षक वादे ने 64 लाख रुपये की भारी चपत लगा दी। क्या आप जानना चाहते हैं कि कैसे एक फेसबुक विज्ञापन ने एक सफल व्यवसायी को धोखे का शिकार बनाया और कैसे साइबर अपराधियों ने लाखों रुपये हड़प लिए?
विस्तृत रिपोर्ट:
कोयंबटूर की एक महिला उद्यमी, जो स्वयं यूक्रेन, क्रोएशिया, पोलैंड और सर्बिया जैसे देशों में प्लेसमेंट की सुविधा देने वाली बिमार्स एजुकेशन लिमिटेड नामक फर्म की निदेशक हैं, कथित तौर पर एक परिष्कृत ऑनलाइन घोटाले का शिकार हो गई हैं। उन्होंने "कम लागत वाली विदेशी नौकरी" दिलाने के वादे के चक्कर में 64 लाख रुपये गंवा दिए हैं। इस धोखाधड़ी के संबंध में साइबर क्राइम पुलिस ने गुजरात के एक 25 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और आगे की जाँच जारी है।
आरएस पुरम की निवासी पीड़िता ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था, जिसमें सस्ती दरों पर अंतर्राष्ट्रीय नौकरी के अवसरों का प्रस्ताव दिया गया था। यह विज्ञापन कथित तौर पर गुजरात के आनंद जिले के खंभात के मूल निवासी मोहम्मद फरीद शेख के बेटे मोहम्मद इरफान शेख (25) ने पोस्ट किया था। इरफान शेख के आकर्षक वादों पर विश्वास करते हुए, महिला ने 'सनस्टेलर प्राइवेट लिमिटेड' नामक एक कथित कंपनी के साथ एक समझौता किया। पुलिस की जाँच में बाद में पता चला कि यह कंपनी फर्जी थी।
समझौते के बाद, महिला ने कई लेन-देन के माध्यम से आरोपी के आईसीआईसीआई बैंक खाते में लगभग 64 लाख रुपये स्थानांतरित कर दिए। यह भुगतान विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे उनके ग्राहकों के लिए वीज़ा आमंत्रण, कार्य परमिट और अन्य सहायक दस्तावेज़ों के बदले में किया गया था। जालसाज़ों ने इतनी चतुराई से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया कि पीड़िता को जरा भी संदेह नहीं हुआ।
इस बड़े घोटाले का खुलासा तब हुआ जब आवेदकों ने विभिन्न वीएफएस (वीज़ा सुविधा सेवा) केंद्रों पर अपने दस्तावेज़ों को सत्यापित करने का प्रयास किया। उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उनके सभी दस्तावेज़ अमान्य थे और वे एक बड़े धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। तत्काल इस धोखाधड़ी की शिकायत कोयंबटूर सिटी साइबर क्राइम पुलिस से की गई।
शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, साइबर क्राइम पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 466 (दस्तावेज़ों का कूटरचना), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से कूटरचना), 471 (कूटरचित दस्तावेज़ को असली के रूप में उपयोग करना) और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, 2008 की धारा 66डी (कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब इस धोखाधड़ी के अन्य पहलुओं और इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों की तलाश में है। यह घटना साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे और ऑनलाइन विज्ञापनों पर अत्यधिक विश्वास करने के जोखिम को रेखांकित करती है।