वैकासी अमावस्या पर शक्ति का आह्वान: अरियालुर में मिर्ची चंडी यज्ञ का भव्य आयोजन
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-30 09:43:25

तमिलनाडु के अरियालुर में वैकासी अमावस्या के पवित्र अवसर पर आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अद्भुत संगम देखने को मिला। चामुंडेश्वरी अम्मन मंदिर में शक्ति की देवी प्रत्यंगिरा देवी के लिए एक भव्य मिर्ची चंडी यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसने हजारों भक्तों को आकर्षित किया। इस विशेष यज्ञ में सिर्फ अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और लोक कल्याण की भावना का भी अद्भुत प्रदर्शन हुआ। यह आयोजन केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि क्षेत्र में आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने में भी सहायक है। आइए जानते हैं इस भव्य यज्ञ की विस्तृत जानकारी।
चामुंडेश्वरी अम्मन मंदिर में भव्य मिर्ची चंडी यज्ञ
तमिलनाडु के अरियालुर स्थित चामुंडेश्वरी अम्मन मंदिर में वैकासी अमावस्या के शुभ अवसर पर प्रत्यंगिरा देवी के लिए एक विशाल मिर्ची चंडी यज्ञ का आयोजन किया गया। यह यज्ञ अपने अनूठे स्वरूप और विशेष आहुतियों के लिए जाना जाता है। इस यज्ञ में सूखी लाल मिर्चों, विभिन्न फलों, औषधीय जड़ी-बूटियों और साड़ियों सहित कई प्रकार की वस्तुएं अर्पित की गईं। माना जाता है कि मिर्ची चंडी यज्ञ दुष्ट शक्तियों का नाश करने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और भक्तों को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में अत्यंत प्रभावी होता है। यह अनुष्ठान देवी प्रत्यंगिरा की प्रचंड शक्ति को आह्वान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें काली देवी का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है।
हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और धार्मिक महत्व
इस भव्य आयोजन में तमिलनाडु के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति भाव से इस विशेष यज्ञ में भाग लिया, जो उनके लिए एक गहन आध्यात्मिक अनुभव था। वैकासी अमावस्या का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन पितरों का तर्पण और विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस शुभ तिथि पर प्रत्यंगिरा देवी का यह विशेष यज्ञ करना भक्तों के लिए दोगुना फलदायी माना जाता है।
अभिषेकम, अराधनाई और अन्नदानम का आयोजन
यज्ञ संपन्न होने के बाद, मंदिर में विशेष अभिषेकम (पवित्र स्नान), अराधनाई (पूजा) और अन्नदानम (भोजन वितरण) का आयोजन किया गया। इन अनुष्ठानों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। अन्नदानम में बड़ी संख्या में भक्तों को भोजन कराया गया, जो भारतीय परंपरा में दान और सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह के आयोजनों से न केवल धार्मिक भावनाएं सुदृढ़ होती हैं, बल्कि सामुदायिक सौहार्द और एकता भी बढ़ती है।
प्रत्यंगिरा देवी और उनका महत्व
प्रत्यंगिरा देवी को दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूपों में से एक माना जाता है, और उन्हें मुख्य रूप से सुरक्षात्मक देवी के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि वह अपने भक्तों को बुरी नजर, काला जादू, शत्रुओं और किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों से बचाती हैं। मिर्ची चंडी यज्ञ में मिर्चों का उपयोग प्रतीकात्मक है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को जलाने और उन्हें राख में बदलने का प्रतिनिधित्व करता है। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से श्रद्धालु देवी से अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद मांगते हैं। अरियालुर में हुए इस मिर्ची चंडी यज्ञ ने एक बार फिर तमिलनाडु की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और जनमानस की गहरी आस्था को प्रदर्शित किया है।