सिम कार्ड का जाल: मुर्शिदाबाद में दो शातिर गिरफ्तार, साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-30 08:33:12



 

आज के डिजिटल युग में जहाँ मोबाइल फोन और सिम कार्ड हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अभिन्न अंग बन गए हैं, वहीं कुछ शातिर अपराधी इन्हीं उपकरणों का इस्तेमाल कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहाँ पुलिस ने एक बड़े अवैध सिम कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से भारी मात्रा में सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे साइबर अपराधी अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं और राज्यों की सीमाओं को पार कर अपने काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

मुर्शिदाबाद में बड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में, बेलडांगा पुलिस स्टेशन ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर अवैध सिम कार्ड व्यापार में संलिप्त थे। पुलिस ने इनके पास से 1,183 सिम कार्ड और 11 मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के अवैध व्यापार और संभवतः साइबर धोखाधड़ी में किया जा रहा था। यह संख्या चौंकाने वाली है और यह दर्शाती है कि यह कोई छोटा-मोटा गिरोह नहीं, बल्कि एक सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा था। पुलिस को आशंका है कि इन सिम कार्डों का इस्तेमाल पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी, और अन्य ऑनलाइन अपराधों के लिए किया जा रहा था।

बिहार और झारखंड से जुड़े तार

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी अपने अवैध कारोबार के लिए फोन और सिम कार्ड बिहार और झारखंड राज्यों से प्राप्त करते थे। यह जानकारी साइबर अपराध के अंतर-राज्यीय नेटवर्क की पुष्टि करती है। अक्सर, साइबर अपराधी अपने मूल राज्यों से दूर के स्थानों से उपकरण और संसाधन प्राप्त करते हैं ताकि उनका पता लगाना मुश्किल हो सके। बिहार और झारखंड, विशेष रूप से जामताड़ा जैसे क्षेत्र, देश में साइबर अपराध के केंद्र के रूप में कुख्यात हैं, और यह गिरफ्तारी इन राज्यों से पश्चिम बंगाल तक फैले कनेक्शन को उजागर करती है। यह दर्शाता है कि कैसे संगठित अपराधी समूह राज्यों की सीमाओं का उपयोग अपने अवैध ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए करते हैं।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जाँच

इस मामले में बेलडांगा पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और इसके पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए गहन जाँच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन सिम कार्डों का उपयोग किन-किन अपराधों में किया गया है और इससे कितने लोगों को नुकसान पहुँचाया गया है। इस तरह के अवैध सिम कार्ड अक्सर फिशिंग, स्पैम कॉल और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे घोटालों में इस्तेमाल होते हैं, जहाँ भोले-भाले लोगों को निशाना बनाया जाता है। इस गिरफ्तारी से साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है, और उम्मीद है कि इससे भविष्य में ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।


global news ADglobal news AD