आखिर कब थमेगा यह दर्दनाक सिलसिला? कोटा में एक और नीट छात्र ने लगाई फांसी, इस साल 15वीं घटना


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-27 20:07:29



 

शिक्षा के केंद्र, सपनों की नगरी, और भविष्य की नींव माने जाने वाले शहर, कोटा से एक बार फिर दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। नीट जैसी प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे जम्मू-कश्मीर के एक 18 वर्षीय छात्र जीशान ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना न केवल स्तब्ध करने वाली है, बल्कि यह कोटा में इस वर्ष आत्महत्या का 15वां मामला है, जो शहर के कोचिंग इकोसिस्टम और छात्रों पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आखिर कब थमेगा यह दर्दनाक सिलसिला, और कैसे बचेंगे हमारे युवा इन मानसिक चुनौतियों से?

कोटा में नीट छात्र जीशान की आत्महत्या

राजस्थान के कोटा शहर में एक बार फिर नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है। जम्मू-कश्मीर का रहने वाला 18 वर्षीय छात्र जीशान रविवार को अपने कमरे में फांसी पर लटका पाया गया। पुलिस ने सोमवार को इस घटना की पुष्टि की। जीशान की आत्महत्या कोटा में इस साल दर्ज की गई 15वीं ऐसी घटना है, जो कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध इस शहर के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यह इस महीने में आत्महत्या का दूसरा मामला भी है।

परिजनों को दी थी आत्महत्या की सूचना

पुलिस के अनुसार, आत्महत्या करने से पहले जीशान ने अपने परिजनों को इस बारे में जानकारी दी थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसने किस माध्यम से या कब यह सूचना दी थी। परिजनों की सूचना उसके सहपाठियों द्वारा जब उसके कमरे का दरवाजा तोड़ा गया, तो जीशान मृत अवस्था में मिला। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से पूरे छात्र समुदाय और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

कोटा में तैयारी का दबाव और जीशान का संघर्ष

पुलिस ने बताया कि जीशान लगभग एक महीने पहले ही कोटा आया था। शुरुआत में उसने मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया था, लेकिन बाद में उसने खुद ही नीट परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। यह अक्सर देखा जाता है कि छात्र कोचिंग के शुरुआती दबाव और फिर अकेले तैयारी के दौरान मानसिक चुनौतियों का सामना करते हैं। जीशान का यह कदम छात्रों पर पड़ रहे अत्यधिक शैक्षणिक दबाव और प्रतिस्पर्धा के भयावह परिणामों को उजागर करता है, जिससे वे अक्सर तनाव और अवसाद का शिकार हो जाते हैं।

आत्महत्याओं का बढ़ता आंकड़ा: एक गंभीर चुनौती

कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं का बढ़ता आंकड़ा एक गंभीर सामाजिक और शैक्षणिक चुनौती बन गया है। इस साल 15वीं आत्महत्या का मामला दर्ज होना, इस समस्या की भयावहता को दर्शाता है। यह घटनाएं न केवल छात्रों के माता-पिता के लिए दुख का कारण बनती हैं, बल्कि यह पूरे कोचिंग इकोसिस्टम पर भी सवाल खड़ा करती हैं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और शिक्षाविदों का मानना है कि छात्रों को बेहतर परामर्श, तनाव प्रबंधन और एक supportive (सहायक) वातावरण प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है ताकि ऐसे दर्दनाक हादसों को रोका जा सके।

कोटा में नीट छात्र जीशान की आत्महत्या की घटना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि उन युवा सपनों का अंत है जो अपने भविष्य को संवारने के लिए इस शहर में आते हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि कोचिंग संस्थानों, अभिभावकों और प्रशासन को मिलकर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए। परीक्षा के दबाव को कम करने और एक सुरक्षित व सहायक वातावरण प्रदान करने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि कोई और छात्र असमय अपनी जान न गंवाए।


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