कोटा का ऑपरेशन सिंदूर: भावी शिक्षकों को सैन्य प्रशिक्षण, शिक्षा के साथ शौर्य का संगम


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-27 20:05:41



 

कल्पना कीजिए कि आपके शिक्षक, जो आपको अक्षर ज्ञान देते हैं, वे न केवल आपको गणित और विज्ञान पढ़ाते हों, बल्कि आपातकाल में आपकी रक्षा करने और आपदाओं का सामना करने में भी सक्षम हों। राजस्थान के कोटा में, एक ऐसी ही अनूठी पहल ने इस कल्पना को हकीकत में बदलना शुरू कर दिया है। पहली बार, कोटा का अलनियां स्काउट गाइड प्रशिक्षण केंद्र भावी शिक्षकों के लिए एक सात दिवसीय सैन्य-शैली का शिविर आयोजित कर रहा है। यह शिविर केवल शारीरिक प्रशिक्षण से कहीं बढ़कर है; यह भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने और उन्हें हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करने का एक अभूतपूर्व प्रयास है।

ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरणा: सैन्य अनुशासन और कौशल का समावेश

इस अनूठे प्रशिक्षण शिविर की प्रेरणा भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से ली गई है। जिस तरह सेना अपने जवानों को हर परिस्थिति में ढलने और लड़ने के लिए तैयार करती है, उसी तरह इस शिविर का उद्देश्य भावी शिक्षकों को कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में कठोर शारीरिक और उत्तरजीविता अभ्यास के माध्यम से प्रशिक्षित करना है। प्रशिक्षण में जंगल में रहने, प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, और आत्मरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कौशल शामिल हैं। यह पहल शिक्षा के पारंपरिक दायरे से बाहर जाकर शिक्षकों को एक व्यापक भूमिका के लिए तैयार करती है, जहाँ वे केवल ज्ञान प्रदाता नहीं, बल्कि समुदाय के संरक्षक भी बन सकें। यह राजस्थान में अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जो शिक्षा और सैन्य कौशल के अनूठे संगम को दर्शाता है।

चुनौतियों से भरा प्रशिक्षण: भावी गुरुओं की अग्निपरीक्षा

शिविर के दौरान प्रशिक्षुओं को वास्तविक सैन्य माहौल का अनुभव कराया जा रहा है। तुषार गौतम, जो एसटीईसी कॉलेज के एक छात्र और शिविर के प्रतिभागी हैं, बताते हैं, "हमारा शिविर 24 तारीख को शुरू हुआ, और यह हमारा यहां पहला अनुभव है।" उन्हें चुनौतीपूर्ण प्राकृतिक परिस्थितियों में रखा गया है, जहां उन्हें भोजन स्वयं बनाना होता है, सीमित संसाधनों के साथ रहना होता है, और कठिन शारीरिक अभ्यासों से गुजरना होता है। यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मरक्षा के साथ-साथ आपदाओं या शत्रु हमलों के दौरान नागरिक सुरक्षा के लिए तैयार करता है। इस तरह का कठोर प्रशिक्षण शिक्षकों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, जिससे वे न केवल अपने छात्रों के लिए एक प्रेरणा बन सकें, बल्कि किसी भी अप्रत्याशित संकट में नेतृत्व करने में सक्षम हों।

भविष्य के लिए तैयार: आत्मनिर्भर और सजग शिक्षक

इस कार्यक्रम का दूरगामी प्रभाव हो सकता है। यह शिक्षकों को केवल कक्षा तक सीमित रखने के बजाय उन्हें अधिक समग्र भूमिका के लिए तैयार करता है। कल्पना कीजिए कि भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान, अगर एक स्कूल में प्रशिक्षित शिक्षक मौजूद हों, तो वे न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शत्रुतापूर्ण स्थिति में भी, आत्मरक्षा और नागरिक सुरक्षा का ज्ञान अमूल्य साबित हो सकता है। कोटा की यह पहल एक ऐसे भविष्य की नींव रख रही है जहाँ शिक्षक केवल ज्ञान के वाहक नहीं, बल्कि समुदाय के सजग प्रहरी और संकटमोचक भी होंगे, जो हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होंगे। यह एक ऐसा निवेश है जो न केवल व्यक्तियों को सशक्त करेगा, बल्कि पूरे समाज को अधिक resilient (लचीला) बनाएगा।


global news ADglobal news AD