विकास की पोल खोलती बारिश: सूरजपुर-नोएडा-दादरी मार्ग कई किलोमीटर डूबा, नाले में गिर रहे लोग, प्रशासन पर सवाल


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-26 21:01:46



विकास की पोल खोलती बारिश: सूरजपुर-नोएडा-दादरी मार्ग कई किलोमीटर डूबा, नाले में गिर रहे लोग, प्रशासन पर सवाल

आधुनिकता और सुनियोजित विकास का प्रतीक माने जाने वाले ग्रेटर नोएडा में बारिश की कुछ बूँदें ही हर साल शहर की तैयारियों की पोल खोल देती हैं। इस बार भी, मूसलाधार बारिश ने सूरजपुर कस्बे को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है, जिससे सड़कें झील में तब्दील हो गई हैं और मुख्य मार्ग पूरी तरह से डूब गए हैं। यह केवल जलभराव की समस्या नहीं, बल्कि एक ऐसी त्रासदी है जो हर साल दोहराई जाती है, जहाँ लोग खुले नालों और जलमग्न सड़कों के कारण जान जोखिम में डालकर चलने को मजबूर हैं। आखिर कब मिलेगी इस वार्षिक आफत से मुक्ति?

ग्रेटर नोएडा में जलभराव का तांडव: सूरजपुर डूबा

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में हुई भारी बारिश ने एक बार फिर शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है। मूसलाधार वर्षा के कारण सूरजपुर कस्बा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे सड़कें गहरे पानी में डूब गई हैं। चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है, जिसने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और व्यापारिक गतिविधियां भी ठप पड़ गई हैं। यह स्थिति मानसूनी बारिश से पहले ही प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

नोएडा और दादरी को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बाधित

बारिश के कारण सबसे अधिक प्रभाव सूरजपुर से नोएडा और दादरी को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर पड़ा है। यह महत्वपूर्ण सड़क कई किलोमीटर तक पानी में डूब गई है, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है, और लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग रहे हैं। यह मार्ग ग्रेटर नोएडा के लिए एक जीवनरेखा की तरह है, और इसके जलमग्न होने से हजारों दैनिक यात्रियों और व्यापारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों का दर्द: हर साल की समस्या

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जलभराव की यह समस्या उनके लिए कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह हर साल की कहानी है। एक स्थानीय निवासी ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "जलभराव की समस्या हर साल होती है। अभी कुछ दिन पहले ही इस पानी की वजह से मेरा एक्सीडेंट हुआ था... लोग नालों में गिरते रहते हैं, जैसा कि आप देख सकते हैं। वे नालों में गिर जाते हैं, लेकिन यह जलभराव की समस्या कभी खत्म नहीं होती..." यह बयान शहर की लचर जल निकासी प्रणाली और प्रशासन की उदासीनता को उजागर करता है, जहाँ लोगों को जान जोखिम में डालकर चलना पड़ता है और खुले नाले दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।

प्रशासन पर सवाल, समाधान की दरकार

सूरजपुर में जलभराव की इस गंभीर समस्या ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल की यह परेशानी दर्शाती है कि जल निकासी के लिए स्थायी समाधान अभी तक नहीं खोजे गए हैं या उन पर ठीक से अमल नहीं हुआ है। लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें हर साल होने वाली इस आफत से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नालों की नियमित सफाई हो, जल निकासी प्रणाली को उन्नत किया जाए, और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पूर्व-मानसूनी तैयारियां की जाएं।

ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में भारी बारिश के कारण हुआ जलभराव केवल एक मौसमी समस्या नहीं, बल्कि शहरी नियोजन और नागरिक सुरक्षा की एक बड़ी चुनौती है। हर साल दोहराई जाने वाली यह त्रासदी स्थानीय लोगों के लिए गंभीर असुविधा और जोखिम पैदा करती है। यह समय की मांग है कि प्रशासन इस वार्षिक आपदा से निपटने के लिए ठोस और स्थायी समाधान निकाले, ताकि सूरजपुर और उसके आसपास के निवासी हर बारिश के बाद एक 'जलमग्न द्वीप' में फंसे होने की बजाय सुरक्षित और सामान्य जीवन जी सकें।


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