उद्घाटन की तैयारी पर आंधी का हमला: महेंद्रगढ़ में SECA से नांगल चौधरी लाइन ध्वस्त, हाई-वोल्टेज ड्रामा
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-26 20:53:15

उद्घाटन की तैयारी पर आंधी का हमला: महेंद्रगढ़ में SECA से नांगल चौधरी लाइन ध्वस्त, हाई-वोल्टेज ड्रामा
प्रकृति की प्रचंड शक्ति के आगे मानव निर्मित संरचनाएं भी कभी-कभी बेबस हो जाती हैं। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कुछ ऐसा ही भयावह मंजर देखने को मिला, जहाँ एक भयंकर तूफान ने एक नई बनी हुई 132 केवी की टावर लाइन को पूरी तरह से तबाह कर दिया। यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, जो उस दिन हुआ जब इस महत्वपूर्ण विद्युत लाइन का पहला परीक्षण और उद्घाटन निर्धारित था। यह आंधी-तूफान का सिर्फ एक कहर नहीं, बल्कि क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति और विकास योजनाओं के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
महेंद्रगढ़ में नई 132 केवी टावर लाइन ध्वस्त
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक भीषण तूफान ने विद्युत बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। बीते रात आई भयंकर आंधी के कारण SECA पावर कंट्रोल से नांगल चौधरी पावर स्टेशन को जोड़ने वाली नई स्थापित 132 केवी टावर लाइन पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। यह लाइन क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी और इसे हाल ही में पूरा किया गया था। टावर लाइन के ध्वस्त होने से विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे कई इलाकों में बिजली संकट गहरा गया है।
उद्घाटन से ठीक पहले हुई दुर्घटना
यह घटना और भी चिंताजनक इसलिए है क्योंकि यह 132 केवी टावर लाइन आज अपने पहले परीक्षण और उद्घाटन के लिए निर्धारित थी। यानी, महीनों की कड़ी मेहनत और करोड़ों रुपये के निवेश के बाद तैयार हुई यह महत्वपूर्ण परियोजना अपने संचालन में आने से ठीक पहले ही प्रकृति के प्रकोप का शिकार हो गई। यह स्थिति बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्हें अब इस पूरी लाइन के पुनर्निर्माण या मरम्मत का कार्य करना होगा, जिसमें समय और भारी लागत दोनों लगेंगे।
बिजली आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव
इस 132 केवी टावर लाइन के नष्ट होने से महेंद्रगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। नांगल चौधरी पावर स्टेशन को जोड़ने वाली यह लाइन कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को बिजली प्रदान करती थी। लाइन के ध्वस्त होने के बाद, इन क्षेत्रों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दैनिक जीवन और व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। बिजली विभाग अब वैकल्पिक व्यवस्थाओं के माध्यम से आपूर्ति बहाल करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन पूरी तरह से बहाली में समय लगने की संभावना है।
जांच और पुनर्निर्माण की चुनौती
इस घटना के बाद, बिजली विभाग ने क्षतिग्रस्त टावर लाइन का निरीक्षण शुरू कर दिया है। यह पता लगाया जा रहा है कि तूफान की तीव्रता के कारण यह क्षति हुई या निर्माण में कोई कमी थी। हालांकि, प्राथमिकता जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करना और क्षतिग्रस्त लाइन का पुनर्निर्माण करना है। यह कार्य एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है, विशेषकर यदि मौसम खराब बना रहता है। गनीमत यह रही कि संचालन से पूर्व ही यह हादसा हो गया। यदि चलती लाइन में यह हादसा होता तो इसके खतरे और होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए विद्युत बुनियादी ढांचे की मजबूती और लचीलेपन की आवश्यकता पर जोर दिया है।
महेंद्रगढ़ में नई 132 केवी टावर लाइन का उद्घाटन से ठीक पहले तूफान से ध्वस्त हो जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह न केवल विद्युत विभाग के लिए एक बड़ा नुकसान है, बल्कि यह क्षेत्र की बिजली आपूर्ति और विकास योजनाओं के लिए भी एक गंभीर झटका है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें अपने बुनियादी ढांचे को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि बिजली विभाग जल्द से जल्द इस क्षति की मरम्मत करेगा और क्षेत्र में सामान्य बिजली आपूर्ति बहाल करेगा, ताकि लोगों को इस संकट से राहत मिल सके।