भिवाड़ी में मौत का तांडव: तूफान ने निगली माँ-बेटी की ज़िंदगी, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, जांच जारी


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-26 17:47:44



 

प्रकृति का प्रकोप जब विकराल रूप लेता है, तो उसकी चपेट में आए कमजोर और असहाय लोग सबसे पहले शिकार बनते हैं। राजस्थान के भिवाड़ी में हाल ही में आई एक भीषण आंधी ने ऐसा ही दुखद मंजर पैदा कर दिया, जहाँ पथरेडी गाँव में एक कच्चे मकान की दीवार ढहने से एक माँ और उसकी मासूम एक साल की बेटी की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना सिर्फ एक त्रासदी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित आवास की आवश्यकता और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर एक गंभीर सवाल है।

भिवाड़ी में आंधी का भयावह प्रकोप

राजस्थान के भिवाड़ी में बीती रात आई एक भीषण आंधी ने व्यापक तबाही मचाई है। तेज हवाओं का प्रकोप इतना अधिक था कि कई स्थानों पर पेड़ और कमजोर संरचनाएं इसकी चपेट में आ गईं। इसी दौरान, भिवाड़ी के पथरेडी गाँव में एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जहाँ आंधी के कारण एक कच्चे मकान की दीवार ढह गई। यह हादसा तब हुआ जब परिवार घर के अंदर था, जिससे उन्हें संभलने का भी मौका नहीं मिला।

माँ और मासूम बेटी की दर्दनाक मौत

दीवार ढहने की इस दुखद घटना में एक माँ और उसकी एक साल की मासूम बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे के नीचे दबने से उन्हें गंभीर चोटें आईं, जिनसे वे उबर नहीं पाईं। यह खबर मिलते ही पूरे गाँव में मातम पसर गया। परिवार के लिए यह एक असहनीय क्षति है, जहाँ उन्होंने एक ही झटके में अपने दो सदस्यों को खो दिया। वहीं, इस हादसे में बच्ची का पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका इलाज जारी है।

स्थानीय निवासी का बयान: 'पिलर नहीं लगे थे'

घटना के एक स्थानीय निवासी ने इस त्रासदी के पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, "वह तीन मंजिला मकान था, लेकिन उसमें कोई पिलर (स्तंभ) नहीं लगा था। जब तेज हवा चली, तो दीवार ढह गई और वे कुचल गए..." यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि मकान की संरचनात्मक कमजोरी इस हादसे का एक प्रमुख कारण हो सकती है। कच्चे मकानों या बिना मजबूत नींव वाले बहुमंजिला ढाँचों का निर्माण, विशेषकर तूफान-संभावित क्षेत्रों में, बड़ा खतरा पैदा करता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवास सुरक्षा पर सवाल

यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों की सुरक्षा और निर्माण मानकों पर गंभीर सवाल उठाती है। पथरेडी जैसे गाँवों में जहां आज भी कई कच्चे या कमजोर मकान हैं, वहां ऐसी मौसमी आपदाएं अक्सर जानलेवा साबित होती हैं। प्रशासन और संबंधित विभागों को ऐसे क्षेत्रों में मकानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए, विशेषकर उन स्थानों पर जहाँ तूफान या तेज हवाएं आम बात हैं। लोगों को सुरक्षित और मजबूत आवास बनाने के लिए प्रोत्साहित करना और आवश्यक सहायता प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भिवाड़ी के पथरेडी गाँव में माँ और बेटी की यह दर्दनाक मौत एक चेतावनी है कि हमें ग्रामीण क्षेत्रों में आवास सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा और जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है। इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए ताकि ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। यह समाज और प्रशासन दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी परिवार कमजोर आवास के कारण अपनी जान न गंवाए और हर व्यक्ति को सुरक्षित छत मिल सके।


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