रायपुर गाँव में बाढ़ का मंजर: बालसमंद नहर टूटने से तबाही, किसानों और फैक्ट्रियों को भारी नुकसान
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-26 17:36:04

प्रकृति का प्रकोप जब अपने चरम पर होता है, तो वह पल भर में जीवन और संपत्ति पर भारी पड़ सकता है। हरियाणा के हिसार जिले में हाल ही में आई भीषण आंधी और मूसलाधार बारिश ने कुछ ऐसा ही भयावह मंजर दिखाया है। तूफान के साथ आई बारिश के कारण रायपुर गाँव के पास बालसमंद नहर टूट गई, जिससे न केवल सैकड़ों एकड़ उपजाऊ farmland (खेत) जलमग्न हो गए, बल्कि आसपास की औद्योगिक इकाइयाँ भी पानी में डूब गईं। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
हिसार में नहर का तटबंध टूटा, 400 एकड़ खेत जलमग्न
हिसार जिले में बीती रात (24 मई, 2025) तेज आंधी और भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई। रात करीब ढाई बजे तक चली इस बारिश के बाद, हिसार-रायपुर पुल के नजदीक बालसमंद नहर का तटबंध टूट गया। यह कटाव लगभग 50 फुट चौड़ा था, जिससे लाखों लीटर पानी तेजी से बाहर निकला। नहर टूटने के कारण रायपुर गाँव की लगभग 400 एकड़ भूमि पूरी तरह से जलमग्न हो गई। रात को मौसम खराब होने और तेज बारिश से नहर में कटाव होने के कारण यह हादसा हुआ, जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।
औद्योगिक इकाइयों पर भी कहर, फैला पानी
नहर के टूटने का प्रभाव केवल कृषि भूमि तक ही सीमित नहीं रहा। रायपुर गाँव की तरफ के क्षेत्र में कई औद्योगिक इकाइयां और फैक्ट्रियां भी स्थित हैं। नहर का पानी इन फैक्ट्रियों के अंदर भी घुस गया, जिससे उनमें रखा कच्चा माल, मशीनरी और तैयार उत्पादों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस अप्रत्याशित बाढ़ ने औद्योगिक इकाइयों के कामकाज को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे क्षेत्र में आर्थिक नुकसान का भी बड़ा अनुमान लगाया जा रहा है।
तूफान और बारिश ने मचाई तबाही
तेज आंधी और भारी बारिश ने अकेले नहर को ही नुकसान नहीं पहुंचाया। हिसार शहर और आसपास के इलाकों में रात 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं ने सैकड़ों पेड़ और बिजली के खंभे भी गिरा दिए। इससे शहर की विद्युत व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई। रात भर शहर के पॉश इलाकों में भी बिजली गुल रही और सड़कों व गलियों में घुटनों तक पानी भर गया। मेयर प्रवीन पोपली के अनुसार, जिलेभर में 100 से ज्यादा बिजली के खंभे टूट गए और हाईटेंशन लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे बिजली निगम को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
प्रशासन का त्वरित बचाव कार्य और मरम्मत
नहर टूटने की सूचना मिलते ही देर रात ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जिला प्रशासन, सदर थाना पुलिस, नहरी विभाग और मनरेगा मजदूरों की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। रविवार सुबह ही हिसार के मेयर प्रवीन पोपली, सिंचाई विभाग के अधिकारी और प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। दो जेसीबी मशीनों, खाली प्लास्टिक के कट्टों और मजदूरों की टीम को नहर की मरम्मत के लिए लगाया गया। ग्रामीणों की मदद से नहर को पाटने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ताकि पानी के फैलाव को रोका जा सके और स्थिति को और बिगड़ने से बचाया जा सके। यदि नहर का पानी जल्द नहीं रोका गया, तो यह सेक्टर 1-4 तक भी पहुंच सकता है।
हिसार में तूफान और भारी बारिश के कारण बालसमंद नहर का टूटना एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है, जिसने कृषि और उद्योग दोनों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यह घटना न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फेर गई है, बल्कि औद्योगिक इकाइयों को भी आर्थिक संकट में धकेल दिया है। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे त्वरित बचाव और मरम्मत कार्य सराहनीय हैं, लेकिन यह घटना हमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमारे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और बेहतर पूर्व-तैयारी करने की आवश्यकता की याद दिलाती है।