केरल में ममता शर्मसार: पारिवारिक कलह में मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-26 07:05:21

केरल के कोच्चि में एक ऐसी हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को गहरा आघात पहुंचाया है। एक माँ ने कथित तौर पर अपनी ही तीन साल की मासूम बेटी को नदी में फेंक कर उसकी जान ले ली। संध्या नामक इस महिला ने अपनी बच्ची कल्याणी को दोपहर करीब 3:30 बजे स्थानीय आंगनवाड़ी से लिया था, लेकिन जब वह अकेली लौटी, तो हर तरफ मातम छा गया। यह घटना न केवल एक मासूम जीवन के अंत की कहानी है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों में बढ़ते तनाव और विश्वास के टूटने की भी एक दर्दनाक दास्तान है।
मासूम कल्याणी का अपहरण और हत्या:
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संध्या दोपहर के समय अपनी तीन वर्षीय बेटी कल्याणी को आंगनवाड़ी से लेकर निकली थी। जब वह अकेली घर लौटी, तो उसकी मां एली ने कल्याणी के बारे में पूछा। एली के मुताबिक, संध्या ने पहले गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि कल्याणी कहीं चली गई है। हालांकि, बाद में उसने लोगों को गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि कल्याणी बस से लापता हो गई है। इस विरोधाभासी बयान से संदेह गहराया और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कल्याणी की तलाश शुरू कर दी।
सीसीटीवी फुटेज और माँ का कबूलनामा:
पुलिस की शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। फुटेज देखने पर पुलिस को एक महत्वपूर्ण जानकारी मिली कि संध्या को चालक्कुडी नदी के पास देखा गया था। इस नए तथ्य के आधार पर जब पुलिस ने संध्या से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने आखिरकार अपना गुनाह कबूल कर लिया। संध्या ने पुलिस को बताया कि उसने ही अपनी मासूम बच्ची को नदी में फेंक दिया था।
गिरफ्तारी और पारिवारिक कलह का खुलासा:
संध्या के कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसे तत्काल हिरासत में ले लिया। इस जघन्य अपराध के पीछे के कारणों की पड़ताल में पुलिस को संध्या के पति सुभाष से महत्वपूर्ण जानकारी मिली। सुभाष के अनुसार, संध्या उसकी बात नहीं मानती थी और परिवार में अक्सर कलह होती रहती थी। सुभाष ने पारिवारिक समस्याओं को ही इस अपराध का मुख्य कारण बताया। उसने यह भी कहा कि संध्या केवल अपनी बहन और मां की सुनती थी। सुभाष ने उन खबरों का खंडन किया जिनमें संध्या को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया जा रहा था। उसने जोर देकर कहा कि वह बिल्कुल ठीक थी।
पहले भी जहर देने की कोशिश:
पड़ोसी अशोकन ने एक और चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले संध्या ने कल्याणी को जहर वाली आइसक्रीम खिलाने की कोशिश की थी, लेकिन उसके बड़े बच्चे ने उसकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया था। अशोकन ने यह भी बताया कि इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी और संध्या को काउंसलिंग के लिए भेजा गया था। इससे पता चलता है कि यह घटना अचानक नहीं हुई, बल्कि इसके पीछे एक दुखद पृष्ठभूमि थी।
शिक्षिका सदमे में:
कल्याणी की आंगनवाड़ी शिक्षिका सौम्या इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 18 महीनों से कल्याणी और अन्य बच्चे उनके साथ एक परिवार की तरह घुलमिल गए थे। दिन में जब वे आंगनवाड़ी में होते थे, तो हमेशा खुश रहते थे। सौम्या ने अपनी गहरी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि कल्याणी, जो कल तक उनके साथ थी, अब इस दुनिया में नहीं है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया:
संध्या फिलहाल स्थानीय पुलिस की हिरासत में है और एर्नाकुलम ग्रामीण पुलिस जल्द ही उसकी औपचारिक गिरफ्तारी दर्ज करेगी। कल्याणी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसके बाद शव उसके पिता सुभाष को सौंप दिया जाएगा। इस जघन्य अपराध के लिए संध्या को कड़ी सजा मिलने की उम्मीद है, ताकि भविष्य में कोई भी माँ ऐसी अमानवीय हरकत करने की हिम्मत न कर सके। यह घटना समाज में पारिवारिक रिश्तों के महत्व और बच्चों की सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।