इको-टूरिज्म पर तूफानी चोट: भंडारा के रावनवाड़ी में प्रकृति की मार, जनजीवन अस्त-व्यस्त


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-25 14:46:03



इको-टूरिज्म पर तूफानी चोट: भंडारा के रावनवाड़ी में प्रकृति की मार, जनजीवन अस्त-व्यस्त

महाराष्ट्र के भंडारा जिले में प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिला है, जहाँ आए एक भयंकर तूफान ने रावनवाड़ी इको-टूरिज्म क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। इस अचानक आए तूफान के कारण सैकड़ों की संख्या में पेड़ जड़ से उखड़ गए, कई बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए, और कुछ घरों की छतें भी उड़ गईं। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

रावनवाड़ी इको-टूरिज्म क्षेत्र में तबाही:

भंडारा तहसील के रावनवाड़ी इको-टूरिज्म क्षेत्र में आए इस तूफान का प्रभाव इतना भीषण था कि उसने पूरे इलाके को उजाड़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 400 से 500 पेड़ इस तूफान की चपेट में आकर जड़ से उखड़ गए। पेड़ों के गिरने से सड़कों पर यातायात बाधित हुआ और पूरे क्षेत्र का प्राकृतिक सौंदर्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रावनवाड़ी अपनी हरियाली और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इस तूफान ने उसके इस स्वरूप को काफी नुकसान पहुंचाया है।

बिजली व्यवस्था धवस्त और आवासीय क्षति:

तूफान का असर केवल पेड़ों तक ही सीमित नहीं रहा। तेज हवाओं और बारिश के कारण कई बिजली के खंभे भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे पूरे रावनवाड़ी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। बिजली न होने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और दैनिक कामकाज भी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, तूफान की प्रचंडता इतनी अधिक थी कि कुछ स्थानीय घरों की छतें भी उड़ गईं, जिससे परिवारों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ा। यह क्षति दर्शाती है कि तूफान की गति और शक्ति कितनी अधिक थी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य:

स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलते ही, राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं। बिजली विभाग पेड़ों को हटाकर और खंभों की मरम्मत करके बिजली आपूर्ति बहाल करने में जुटा हुआ है। हालांकि, इतने बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के कारण, बिजली बहाल होने में कुछ समय लग सकता है। प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय और सहायता प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

यह घटना महाराष्ट्र में अचानक बदल रहे मौसम के मिजाज और उसकी विनाशकारी क्षमता को उजागर करती है। रावनवाड़ी इको-टूरिज्म क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई में समय लगेगा, लेकिन स्थानीय लोग और प्रशासन इस चुनौती से निपटने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं।


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