जीवनदायिनी पीएम श्री एयर एम्बुलेंस: भोपाल की 7 वर्षीय बच्ची के लिए बनी आशा किरण, आयुष्मान योजना बनी वरदान
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-25 14:41:11

जब किसी मासूम की जान खतरे में हो और परिवार असहाय महसूस करे, तब उम्मीद की एक किरण भी जीवनदायिनी साबित होती है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सात साल की बच्ची के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जो लिवर फेलियर की कगार पर पहुँच चुकी थी। लेकिन पीएम श्री एयर एम्बुलेंस और आयुष्मान भारत योजना की बदौलत, इस बच्ची को न केवल आपातकालीन हवाई सुविधा मिली, बल्कि गुरुग्राम के एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में उसका इलाज भी शुरू हो सका। यह कहानी सिर्फ एक बच्ची के जीवन को बचाने की नहीं, बल्कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं और जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता की एक मार्मिक मिसाल है।
भोपाल की 7 वर्षीय बच्ची को गंभीर हेपेटाइटिस और लिवर फेलियर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सात वर्षीय बच्ची, राधा अंशी साहू, गंभीर हेपेटाइटिस और लिवर फेलियर की कगार पर पहुँचने के बाद जीवन-मृत्यु के बीच झूल रही थी। उसकी हालत इतनी नाजुक थी कि स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे कहीं और बेहतर इलाज के लिए ले जाने की सलाह दी। ऐसे में, परिवार के लिए यह स्थिति बेहद डरावनी और चिंताजनक थी, क्योंकि वे अपनी बेटी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहते थे, लेकिन संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती थी।
मंत्री विश्वास सारंग की पहल पर आपातकालीन एयरलिफ्ट
राधा की माँ ने अपनी बेटी को बचाने के लिए हर दरवाजा खटखटाया। अंततः, उन्हें मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग की जनदर्शन यात्रा के दौरान उनसे मिलने का मौका मिला। राधा की माँ ने मंत्री सारंग को अपनी बेटी की गंभीर स्थिति और लिवर फेलियर के बारे में बताया। मंत्री विश्वास सारंग ने तत्काल प्रभाव से इस मामले को गंभीरता से लिया और बच्ची की जान बचाने के लिए तुरंत एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई। उनकी इस मानवीय पहल ने बच्ची को समय पर बेहतर इलाज दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस और आयुष्मान भारत का सहारा
मंत्री विश्वास सारंग की त्वरित कार्रवाई के बाद, राधा अंशी साहू को तत्काल प्रभाव से 'पीएम श्री एयर एम्बुलेंस' के माध्यम से गुरुग्राम के एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया। यह सुविधा भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो गंभीर मरीजों को आपातकालीन हवाई चिकित्सा सुविधा प्रदान करती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राधा का संपूर्ण उपचार और परिवहन का खर्च आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरी तरह से वहन किया गया। यह योजना देश के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को निःशुल्क या रियायती चिकित्सा सुविधा प्रदान कर एक वरदान साबित हो रही है।
आशा और राहत का संदेश
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि कैसे सही समय पर मिली सहायता और सरकारी योजनाएं किसी भी व्यक्ति, विशेषकर बच्चों की जान बचाने में कितनी कारगर हो सकती हैं। राधा की माँ की आँखों में उम्मीद और राहत के आँसू हैं, क्योंकि उनकी बेटी को अब बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल रही है। यह कहानी न केवल चिकित्सा विज्ञान की प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे जनप्रतिनिधि और सरकारी तंत्र मिलकर एक आम आदमी की मदद के लिए आगे आ सकते हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऐसी जीवनरक्षक योजनाएं देश के हर जरूरतमंद तक पहुंचे।
भोपाल की राधा अंशी साहू की यह कहानी 'पीएम श्री एयर एम्बुलेंस' और 'आयुष्मान भारत' योजना की सफलता का एक ज्वलंत उदाहरण है। गंभीर लिवर फेलियर से जूझ रही एक बच्ची को समय रहते विशेषज्ञ चिकित्सा उपलब्ध कराना, बिना किसी वित्तीय बोझ के, देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है। मंत्री विश्वास सारंग की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई भी सराहनीय है, जिसने एक माँ को अपनी बच्ची के लिए नई उम्मीद दी। यह घटना समाज में आशा का संचार करती है और यह संदेश देती है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी गरीब क्यों न हो, आवश्यक चिकित्सा सुविधा से वंचित नहीं रहेगा।