मध्य प्रदेश में नक्सलवाद का बढ़ता खतरा: बालाघाट के जंगल में बरामद दैनिक वस्तुएं, बड़ी साजिश का संकेत
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-22 09:07:17

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का लांजी थाना क्षेत्र एक बार फिर नक्सली गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में है। पिछले कुछ दिनों से जंगलों में नक्सलियों की लगातार मौजूदगी के संकेत मिल रहे थे, जिसने पुलिस और सुरक्षा बलों की नींद उड़ा दी थी। सोमवार, 20 मई की देर रात मिली एक पुख्ता सूचना ने पूरे तंत्र को चौकन्ना कर दिया, जिसके बाद एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान, सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसने जंगल में तनाव का माहौल पैदा कर दिया।
नक्सली गतिविधियों का बढ़ना:
बालाघाट जिला, विशेषकर लांजी क्षेत्र, दशकों से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित रहा है। यह इलाका छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमाओं से सटा होने के कारण नक्सलियों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बन गया है। हाल के दिनों में, पुलिस को लगातार खुफिया जानकारी मिल रही थी कि नक्सली इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं और शायद नई भर्ती या बड़े हमलों की योजना बना रहे हैं। इन संकेतों ने सुरक्षा बलों को लगातार हाई अलर्ट पर रखा हुआ था।
आधी रात की मुठभेड़:
सोमवार रात को सुरक्षा बलों को बिलालकासा इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली। इस जानकारी पर तत्काल कार्रवाई करते हुए, हॉक फोर्स, सीआरपीएफ की 207 कोबरा बटालियन और जिला पुलिस की कुल 12 संयुक्त टीमें जंगल में सर्चिंग के लिए रवाना हुईं। रात करीब 2 बजे, सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों का सामना अचानक 15-20 नक्सलियों के एक समूह से हो गया।
फायरिंग और नक्सलियों का भागना:
बताया जा रहा है कि जंगल में सूखे पत्तों पर हो रही हलचल से नक्सली सतर्क हो गए थे। पुलिस पार्टी की मौजूदगी की भनक लगते ही उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी तुरंत मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की। दोनों ओर से करीब 20-30 राउंड फायरिंग हुई। हालांकि, जब नक्सलियों ने देखा कि सुरक्षा बलों की संख्या उनसे कहीं ज्यादा है और वे मजबूत स्थिति में हैं, तो वे अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग निकले।
घटनस्थल से बरामदगी और आगे की जांच:
मुठभेड़ खत्म होने के बाद, सुरक्षा बलों ने पूरे घटनास्थल की सघन तलाशी ली। तलाशी के दौरान, उन्हें नक्सलियों के दैनिक उपयोग की कई वस्तुएं बरामद हुईं। इनमें खाने-पीने की वस्तुएं, कपड़े और कुछ जरूरी उपकरण शामिल हैं। इन बरामदगी से यह साफ संकेत मिलता है कि नक्सली इस इलाके में कैंप लगाने और लंबे समय तक रुकने की योजना बना रहे थे। यह एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि इसका मतलब है कि नक्सली इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस और सुरक्षा बल अब इस मामले में आगे की जांच कर रहे हैं और भागे हुए नक्सलियों की तलाश में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी बड़ी घटना को रोका जा सके।