आईबी के मास्टरमाइंड तपन डेका को दूसरा कार्यकाल: 2026 तक बने रहेंगे आईबी निदेशक


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-22 09:00:07



 

भारत की आंतरिक सुरक्षा के शीर्ष प्रहरी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका को केंद्र सरकार ने एक और वर्ष का सेवा विस्तार दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही, डेका अब 30 जून 2026 तक अपने पद पर बने रहेंगे। यह लगातार दूसरी बार है जब उन्हें सेवा विस्तार मिला है, जो आंतरिक सुरक्षा के मामलों में उनके असाधारण अनुभव, विशेषज्ञता और केंद्र सरकार के उन पर अटूट विश्वास को दर्शाता है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश को आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, और डेका का नेतृत्व इस महत्वपूर्ण समय में स्थिरता प्रदान करेगा।

आईबी में लंबा और विशिष्ट करियर:

तपन कुमार डेका, 1988 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर का अधिकांश समय इंटेलिजेंस ब्यूरो में ही बिताया है, जो आंतरिक सुरक्षा के मामलों में उनकी गहरी समझ और विशेषज्ञता का प्रमाण है। उनकी नियुक्ति पहली बार जून 2022 में आईबी प्रमुख के रूप में हुई थी। डेका ने अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़े कई अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामलों को संभाला है, खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में, जहाँ आंतरिक सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है।

आतंकवाद के खिलाफ अहम योगदान:

डेका के नेतृत्व में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में कई अहम योगदान दिए हैं। उनके कार्यकाल में आईबी ने इंडियन मुजाहिदीन (IM) जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों को निष्क्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, पठानकोट और पुलवामा जैसे जघन्य आतंकी हमलों के बाद की रणनीतिक प्रतिक्रियाओं में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जम्मू-कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं (targeted killings) से निपटने और आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में भी आईबी ने उनके मार्गदर्शन में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यह सब उनके नेतृत्व और उनकी टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

सरकार का अनुभव पर भरोसा:

जून 2024 में तपन कुमार डेका को विशेष निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था, जो उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और सेवाओं की पहचान थी। केंद्र सरकार ने उनके अनुभव और आंतरिक सुरक्षा मामलों में उनकी गहरी विशेषज्ञता को देखते हुए ही यह लगातार दूसरा सेवा विस्तार दिया है। यह कदम स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के संवेदनशील क्षेत्र में निरंतरता और अनुभवी नेतृत्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उनका विस्तारित कार्यकाल यह सुनिश्चित करेगा कि आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक सुसंगत और प्रभावी रणनीति बनी रहे।

भविष्य की सुरक्षा चुनौतियां:

डेका का सेवा विस्तार ऐसे समय में हुआ है जब भारत को विभिन्न आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों, जैसे आतंकवाद, उग्रवाद, साइबर अपराध और विदेशी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। उनका अनुभव और विशेषज्ञता इन चुनौतियों से निपटने में आईबी को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करेगी। यह निर्णय यह भी सुनिश्चित करता है कि आईबी जैसी महत्वपूर्ण खुफिया एजेंसी में शीर्ष नेतृत्व में कोई अचानक बदलाव न हो, जिससे निरंतरता बनी रहे और परिचालन क्षमताओं पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।


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