बैंकों का खजाना लूटा: 6200 करोड़ के महाघोटाले में यूको बैंक के पूर्व CMD गोयल गिरफ्तार
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-22 08:55:36

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए यूको बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) सुबोध कुमार गोयल को 6200 करोड़ रुपये से अधिक के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। कोलकाता स्थित एक कंपनी से जुड़े इस महाघोटाले में गोयल की गिरफ्तारी 16 मई को उनके आवास से हुई। ईडी इस मामले में कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (CSPL) और अन्य के खिलाफ गहन जांच कर रही है।
ईडी की कार्रवाई और न्यायालय का आदेश:
ईडी ने एक बयान में बताया कि गोयल को 17 मई को कोलकाता में विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 21 मई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले, ईडी ने अप्रैल में इस जांच के तहत गोयल और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद हुए थे।
सीबीआई की एफआईआर और मनी लॉन्ड्रिंग का जाल:
यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एक एफआईआर से उपजा है, जो सीएसएलपी को क्रेडिट सुविधाओं की मंजूरी और उसके बाद 6210.72 करोड़ रुपये (ब्याज रहित मूलधन) के ऋण के बड़े पैमाने पर "डायवर्जन" और "हेराफेरी" से संबंधित है। ईडी का दावा है कि यूको बैंक के सीएमडी के रूप में गोयल के कार्यकाल के दौरान, सीएसएलपी को बड़ी क्रेडिट सुविधाएं "मंजूर" की गईं, जिन्हें बाद में उधारकर्ता समूह द्वारा "डायवर्ट" और "हेराफेरी" कर दिया गया।
अवैध रूप से प्राप्त धन और शेल कंपनियों का मायाजाल:
ईडी ने आरोप लगाया कि इसके बदले में, गोयल को सीएसएलपी से "पर्याप्त अवैध रूप से संतुष्टि" मिली। ईडी ने कहा, "अवैध संतुष्टि को वैधता का मुखौटा देने के लिए विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से स्तरित और चैनलाइज किया गया था।" जांच में पता चला कि गोयल को नकद, अचल संपत्तियां, विलासिता की वस्तुएं, होटल बुकिंग आदि शेल कंपनियों, डमी व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों के एक जटिल जाल के माध्यम से प्राप्त हुए थे ताकि धन के आपराधिक मूल को छिपाया जा सके। ईडी द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर गोयल या उनके वकील से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं किया जा सका है। एजेंसी ने कहा कि शेल या डमी कंपनियों के माध्यम से अधिग्रहित कई संपत्तियों की पहचान की गई है।
गोयल और उनके परिवार का नियंत्रण और किकबैक का व्यवस्थित भुगतान:
ईडी ने दावा किया कि ये शेल संस्थाएं "लाभकारी रूप से स्वामित्व या नियंत्रण" गोयल और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा की जाती हैं। एजेंसी ने कहा, "इन संस्थाओं के धन का स्रोत सीएसएलपी से जुड़ा हुआ है। अब तक एकत्र किए गए सबूत किकबैक के व्यवस्थित निपटान के लिए फ्रंट कंपनियों के माध्यम से आवास प्रविष्टियों और संरचित लेयरिंग के उपयोग को भी दर्शाते हैं।"
मुख्य प्रमोटर की पहले गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की:
सीएसएलपी के मुख्य प्रमोटर संजय सुरेका को ईडी ने दिसंबर 2024 में गिरफ्तार किया था, और इस साल फरवरी में कोलकाता अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया गया था। एजेंसी ने पीएमएलए के तहत जारी दो आदेशों के तहत सुरेका और सीएसएलपी की 510 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था। गोयल की गिरफ्तारी इस मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है और उम्मीद है कि इससे इस बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा।
यूको बैंक के पूर्व सीएमडी सुबोध कुमार गोयल की गिरफ्तारी 6200 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। ईडी की यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता है और यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो। आगे की जांच से इस महाघोटाले में शामिल अन्य लोगों और धन के अंतिम लाभार्थियों का पता चलने की संभावना है।