अमृत भारत की नई उड़ान: करणी माता के दरबार से विकास की गाथा, प्रधानमंत्री देंगे राष्ट्र को विशाल सौगात


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-22 07:27:17



 

राजस्थान की मरुधरा, जहाँ रेतीले धोरे और शौर्य गाथाएँ एक साथ साँस लेती हैं, वहाँ बीकानेर का अपना एक विशिष्ट स्थान है। यह भूमि न केवल अपने ऐतिहासिक किलों और समृद्ध संस्कृति के लिए जानी जाती है, बल्कि देशनोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता मंदिर के लिए भी इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली है। कल, 22 मई को, इसी पावन धरा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन एक ऐतिहासिक पल बनने जा रहा है। उनका यह दौरा केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था, विकास और राष्ट्रीय गौरव का एक अद्वितीय संगम है, जहाँ वह करणी माता के दिव्य आशीर्वाद से लेकर राष्ट्र को 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे।

करणी माता मंदिर में प्रधानमंत्री का दर्शन और विशेष महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपनी बीकानेर यात्रा के दौरान सबसे पहले देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे। यह मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं और चमत्कारों के लिए विश्व विख्यात है, जहाँ हजारों चूहे, जिन्हें काबा कहा जाता है, पवित्र माने जाते हैं। मंदिर के पुजारी गजेंद्र सिंह ने इस स्थान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "माताजी ने यहाँ कई वर्षों तक तपस्या की। यह मंदिर विश्वभर में अद्वितीय है क्योंकि यह पवित्र चूहों काबा का घर है। हम करणी जी के वंशज हैं, और जब हमारे परिवार का कोई सदस्य गुजर जाता है, तो माना जाता है कि उनका अगला अवतार इन्हीं चूहों के रूप में होता है। इस मंदिर में स्वर्ग और नर्क दोनों का अस्तित्व है; आत्माएँ धर्मराज या यमराज के पास नहीं जातीं। इन चूहों को जीवित चमत्कार माना जाता है, और मृत्यु के बाद हमारी आत्माएँ इनके माध्यम से आगे बढ़ती हैं।" यह प्रधानमंत्री की आध्यात्मिक आस्था को दर्शाता है और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देता है। एक स्थानीय नागरिक ने भावुक होकर कहा, "आज इस पवित्र भूमि पर, हमें माता करणी के दिव्य दरबार में यशस्वी प्रधानमंत्री को देखने का सौभाग्य मिल रहा है। यह सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि बीकानेर के हर निवासी के लिए गर्व की बात है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पहली बार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के लिए बीकानेर में माता करणी के दरबार को चुना है।"

अमृत भारत स्टेशन योजना से रेलवे का आधुनिकीकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे, जो भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। इन परियोजनाओं की लागत 1100 करोड़ रुपये से अधिक है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के एक पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर कहा था, "कल, 22 मई भारत के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। अमृत स्टेशन सुविधा, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगे और हमारी गौरवशाली संस्कृति का जश्न मनाएंगे!" इस योजना के तहत राजस्थान के 8 रेलवे स्टेशन (फतेहपुर शेखावाटी, देशनोक, बूंदी, मांडलगढ़, गोगामेड़ी, राजगढ़, गोविंदगढ़, मंडावर-महुआ रोड) शामिल हैं। विशेष रूप से, देशनोक रेलवे स्टेशन में मंदिर वास्तुकला, मेहराब और स्तंभों की शैली का उपयोग किया गया है, जो क्षेत्रीय वास्तुकला को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री देशनोक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे और बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाएंगे।

विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात

प्रधानमंत्री 22 मई को बीकानेर से 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में रेलवे के बुनियादी ढाँचे का सुदृढ़ीकरण भी शामिल है। भारतीय रेलवे 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है, जिससे रेलवे संचालन अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनेगा। इसी क्रम में, श्री मोदी चूरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किमी) की आधारशिला रखेंगे, और सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) तथा समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

सड़क तंत्र का सुदृढ़ीकरण और रक्षा क्षमता में वृद्धि

प्रधानमंत्री सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए भी कई परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें पुष्कर में एनएच-58 पर 3 वाहन अंडरपास का निर्माण, तथा एनएच-11, एनएच-70 (जैसलमेर से म्याजलार) की सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की आधारशिला शामिल है। साथ ही, राजस्थान में लगभग 4 हजार 850 करोड़ रुपये की 7 सड़क परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी। इन परियोजनाओं से आवागमन सुगम होगा और चूंकि ये राजमार्ग भारत-पाक सीमा तक फैले हैं, इसलिए सुरक्षा बलों की आवाजाही में भी सुगमता बढ़ेगी, जिससे भारत का रक्षा बुनियादी ढाँचा मजबूत होगा।

स्वच्छ ऊर्जा और विद्युत परियोजनाओं का विस्तार

केंद्र सरकार सभी के लिए बिजली और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के विजन के साथ निरंतर काम कर रही है। इसी कड़ी में, श्री मोदी विभिन्न विद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें नीपको 300 मेगावाट ग्राउंड माउंटेड सौर परियोजना (बीकानेर), एसजेवीएन 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (नावा), डीडवाना तथा कुचामन की सौर परियोजनाएँ शामिल हैं। साथ ही, पार्ट बी पावरग्रिड सिरोही ट्रांसमिशन लिमिटेड और पार्ट ई पावरग्रिड मेवाड़ ट्रांसमिशन लिमिटेड के विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का शिलान्यास भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री 3 विद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे, जिनमें पावर ग्रिड नीमच ट्रांसमिशन सिस्टम लिमिटेड तथा बीकानेर कॉम्प्लेक्स की विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली शामिल है। फतेहगढ़-द्वितीय विद्युत स्टेशन में परिवर्तन क्षमता के विस्तार का उद्घाटन भी किया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। कलासर सौर ऊर्जा परियोजना (500 मेगावाट) की आधारशिला रखी जाएगी और शिंभू का भुर्ज सौर ऊर्जा परियोजना (300 मेगावाट) का उद्घाटन किया जाएगा। इनमें 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।

राज्य राजमार्ग विकास और क्षेत्रीय संपर्क

प्रधानमंत्री के आधारभूत अवसंरचना के सुदृढीकरण के विजन को गति देने के उद्देश्य से प्रदेश में राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत श्री मोदी 3,240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 757 किलोमीटर की लंबाई के 12 राज्य राजमार्गों के उन्नयन और रखरखाव के लिए विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें मांगलियावास-पदुकलां (स्टेट हाइवे-102), ब्यावर-टेहला-अलनियावास (स्टेट हाइवे-59 और स्टेट हाइवे-104), दांतीवाड़ा-पीपाड़- मेड़ता सिटी (स्टेट हाइवे-21) शामिल हैं। इन परियोजनाओं से महत्वपूर्ण शहरों, औद्योगिक केंद्रों और राज्य की सीमाओं को जोड़ते हुए क्षेत्रीय संपर्क और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

स्वास्थ्य और जल अवसंरचना में सुधार

प्रधानमंत्री राजसमंद, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, धौलपुर में नए नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे, जिससे स्वास्थ्य अवसंरचना, नर्सिंग शिक्षा और प्रशिक्षण सुविधाओं में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, वह 132 केवी जीएसएस राजपुरा (बीकानेर) और 132 केवी जीएसएस सरदा (उदयपुर) की विद्युत अवसंरचना परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे, जो पारेषण क्षमता को बढ़ाएंगे और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। जल अवसंरचना के तहत, प्रधानमंत्री झुंझुनू जिले के लिए ग्रामीण जल आपूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना, तथा अमृत 2.0 के तहत पाली जिले के 7 शहरों के लिए शहरी जल आपूर्ति योजनाओं के पुनर्गठन सहित विभिन्न जल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इससे ग्रामीण परिवारों, विशेष रूप से फ्लोरोसिस प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बीकानेर दौरा, सिर्फ एक दिन की यात्रा नहीं, बल्कि 'विकसित भारत-विकसित राजस्थान' के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में, ये परियोजनाएँ न केवल राजस्थान के विकास को गति देंगी, बल्कि पूरे देश में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सेवा और पेयजल सहित विभिन्न मूलभूत सुविधाओं में समावेशी विकास सुनिश्चित करेंगी। करणी माता के आशीर्वाद और इन विशाल विकास परियोजनाओं के साथ, बीकानेर का यह दौरा निश्चित रूप से एक मील का पत्थर साबित होगा, जो देश की प्रगति और समृद्धि की नई इबारत लिखेगा।


global news ADglobal news AD