अटारी बॉर्डर से पहलगाम तक: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और ISI की गहरी साजिश
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-21 07:45:50

हरियाणा की एक मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इन दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने का गंभीर संदेह जताया गया है। यह मामला केवल एक व्यक्तिगत गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक बड़े और खतरनाक जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश है, जहाँ सोशल मीडिया के प्रभाव का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और हरियाणा पुलिस की एक संयुक्त टीम इस संवेदनशील मामले की गहन जांच कर रही है। फिलहाल, ज्योति पांच दिन की पुलिस हिरासत में है, और उससे लगातार पूछताछ जारी है।
ISI हैंडलर से 'कोड वर्ड' में चैट:
जांच एजेंसियों को ज्योति और ISI हैंडलर अली हसन के बीच की व्हाट्सएप चैट मिली है, जो इस पूरे मामले की गंभीरता को दर्शाती है। इन चैट्स में 'प्रोटोकॉल' और अंडरकवर एजेंट जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है, जिससे एजेंसियों का शक गहरा गया है। एक संदेश में अली हसन ने ज्योति से पूछा था, "जब तुम अटारी बॉर्डर पर थीं तो किसे प्रोटोकॉल मिला?" जवाब में ज्योति ने कहा, "मुझे नहीं मिला," और फिर जोड़ा, "वे इतने बेवकूफ नहीं थे।" इस बातचीत से एजेंसियों को संदेह है कि ISI ज्योति का इस्तेमाल भारतीय गुप्त एजेंटों की पहचान करने के लिए दिशा-निर्देश देने में कर रही थी। यह बातचीत संकेत देती है कि ज्योति किसी मिशन पर थी और उसे संवेदनशील जानकारी जुटाने का काम सौंपा गया था।
पाकिस्तान यात्रा और राजनयिक कनेक्शन:
ज्योति मल्होत्रा ने वर्ष 2023 में 324वें वैसाखी पर्व के दौरान पाकिस्तान का दौरा किया था। इसी यात्रा के दौरान उसके संबंध पाकिस्तानी अधिकारियों से बनने शुरू हुए। जांच में यह भी पता चला है कि उसकी बातचीत पाक उच्चायोग के अधिकारी एहसान डार उर्फ दानिश से भी हुई थी। एहसान डार वह शख्स है जिसे भारत ने हाल ही में 13 मई को पर्सोना नॉन ग्राटा (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश से बाहर कर दिया है। ज्योति से जब इन संपर्कों के बारे में पूछा गया, तो उसने शुरुआत में किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार किया। हालांकि, जांच एजेंसियों का कहना है कि वह लगातार पूछताछ में गोलमोल जवाब दे रही है और तथ्यों को छुपाने की कोशिश कर रही है, जिससे उसके खिलाफ संदेह और मजबूत हुआ है।
पहलगाम हमले और संदिग्ध वीडियो:
अप्रैल 2024 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद ज्योति मल्होत्रा का एक वीडियो भी चर्चा में आया था। इस वीडियो में उसने हमले का दोष भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर मढ़ने की कोशिश की थी। इस तरह का बयान एक भारतीय नागरिक और यूट्यूबर के तौर पर उसकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर जब वह पाकिस्तान से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों के घेरे में है। यह वीडियो और उसकी हाल की गतिविधियां जांच एजेंसियों को और अधिक चौकन्ना कर चुकी हैं। एजेंसियों को संदेह है कि ज्योति को पाकिस्तान में रहने, खाने और घूमने का खर्च भी दानिश ने ही उठाया था।
जांच की दिशा और उद्देश्य:
फिलहाल, जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या ज्योति ने जानबूझकर ISI की मदद की, या वह किसी बड़ी जासूसी साजिश का हिस्सा बनकर अनजाने में इस्तेमाल हुई। उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि डिलीट किए गए डेटा को रिट्रीव किया जा सके। एजेंसियों को यह भी संदेह है कि ISI सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोगों का इस्तेमाल दुष्प्रचार फैलाने और संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए कर रही है, और ज्योति ऐसे ही एक मॉड्यूल का हिस्सा हो सकती है। यह मामला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है, और अधिकारी इस नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।