बारामूला में बवंडर का बर्चस्व: साइनबोर्ड उखड़े, पेड़ धराशायी, अंधेरे में डूबे गांव
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-20 17:11:10

जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले में प्रकृति ने अचानक अपना रौद्र रूप दिखाया, जब तेज हवाओं के एक बवंडर ने रफीआबाद, सोपोर, ज़ैनगीर और आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इस अप्रत्याशित तूफान ने पल भर में साइनबोर्डों को धराशायी कर दिया, घरों की खिड़कियां तोड़ दीं और बड़े-बड़े पेड़ों को जड़ से उखाड़ फेंका। चंदिलोरा में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई, जिससे लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस प्राकृतिक आपदा में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, जबकि अधिकारी नुकसान का आकलन करने में जुटे हैं और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
तूफान का व्यापक प्रभाव:
बारामूला जिले के कई इलाके इस तेज हवा के तूफान से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। रफीआबाद, सोपोर और ज़ैनगीर में तूफान की गति इतनी तेज थी कि सड़कों पर लगे साइनबोर्ड उखड़कर दूर जा गिरे। घरों और दुकानों की खिड़कियां तेज हवा के दबाव को सहन नहीं कर सकीं और टूट गईं, जिससे अंदर रखा सामान भी क्षतिग्रस्त हो गया। इसके अलावा, कई पुराने और विशाल पेड़ भी इस बवंडर के आगे टिक नहीं पाए और धराशायी हो गए, जिससे यातायात भी कुछ समय के लिए बाधित रहा।
चंदिलोरा में बिजली गुल:
तूफान का सबसे बुरा असर चंदिलोरा गांव पर पड़ा, जहां तेज हवाओं के कारण बिजली के खंभे गिर गए और तार टूट गए, जिससे पूरे गांव में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। बिजली न होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर गर्मी के इस मौसम में। अधिकारी बिजली विभाग की टीमों के साथ मिलकर जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयासों में जुटे हैं।
नुकसान का आकलन और राहत कार्य:
तूफान थमने के तुरंत बाद, स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारी प्रभावित इलाकों में पहुंचे और नुकसान का आकलन करना शुरू कर दिया। टीमें अलग-अलग गांवों में जाकर टूटे हुए घरों, उखड़े पेड़ों और अन्य नुकसान का जायजा ले रही हैं। हालांकि अभी तक नुकसान की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन की ओर से राहत कार्य भी शुरू कर दिया गया है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
किसी के हताहत न होने से राहत:
इस विनाशकारी तूफान के बावजूद, यह राहत की बात है कि अभी तक किसी भी व्यक्ति के घायल या हताहत होने की कोई खबर नहीं है। स्थानीय लोगों की सतर्कता और समय पर चेतावनी के कारण शायद लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई। अधिकारी अभी भी पूरी तरह से जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी लोग सुरक्षित हैं।
बारामूला में आए इस तेज हवा के तूफान ने रफीआबाद, सोपोर, ज़ैनगीर और आसपास के गांवों में काफी तबाही मचाई है। साइनबोर्डों का उखड़ना, खिड़कियों का टूटना, पेड़ों का गिरना और चंदिलोरा में बिजली गुल होना इस प्राकृतिक आपदा की भयावहता को दर्शाता है। हालांकि किसी के हताहत न होने की खबर ने थोड़ी राहत दी है, लेकिन नुकसान का आकलन अभी भी जारी है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को मिलकर प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने और इलाके को फिर से सामान्य करने के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे। यह घटना हमें एक बार फिर प्रकृति की अप्रत्याशित शक्तियों के प्रति सचेत करती है।