दिल्ली के पीतमपुरा में ज्ञान के मंदिर पर अग्नि का तांडव: लाखों की पुस्तकें खाक


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-20 17:01:18



 

दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में स्थित टीवी टॉवर के पास एक इमारत में बने पुस्तकालय में अचानक आग लग गई। यह घटना न केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, बल्कि ज्ञान और सूचना के एक महत्वपूर्ण स्रोत के नष्ट होने का भी प्रतीक है। आग की लपटों ने पुस्तकालय की पहली, दूसरी और तीसरी मंजिलों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे लाखों की पुस्तकों और अन्य मूल्यवान सामग्रियों का नुकसान हुआ।

अग्निकांड का भयावह दृश्य:

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत से धुएं का गुबार उठता देख आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। आग की लपटें तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रही थीं, जिससे इमारत के अंदर फंसे लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया था। सूचना मिलते ही दिल्ली अग्निशमन सेवा के 11 दमकल वाहनों को तुरंत मौके पर रवाना किया गया।

दमकल कर्मियों का त्वरित बचाव अभियान:

दमकल कर्मियों ने घटनास्थल पर पहुँचकर तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया। संकरी गलियों और धुएं के कारण बचाव कार्य में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन दमकल कर्मियों ने साहस और तत्परता से काम करते हुए आग पर काबू पाने का प्रयास किया। उन्होंने इमारत में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने को प्राथमिकता दी।

आग से हुए नुकसान का आकलन:

आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन शुरुआती अनुमानों के अनुसार पुस्तकालय को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। आग की लपटों ने न केवल पुस्तकों को जलाकर राख कर दिया, बल्कि फर्नीचर, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। पुस्तकालय में मौजूद दुर्लभ और महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियों के नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल होगा।

जांच और आगे की कार्रवाई:

अग्निशमन विभाग और पुलिस की टीम आग लगने के कारणों की गहन जांच कर रही है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी या इसके पीछे कोई और वजह थी। जांच पूरी होने के बाद ही नुकसान का सही आकलन और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

पीतमपुरा के पुस्तकालय में लगी यह आग एक दुखद घटना है, जिसने शिक्षा और ज्ञान के एक महत्वपूर्ण केंद्र को क्षति पहुँचाई है। यह घटना हमें अग्नि सुरक्षा के महत्व और ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक उपायों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है। उम्मीद है कि प्रशासन और संबंधित विभाग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे और पुस्तकालय को फिर से खड़ा करने में हर संभव मदद करेंगे।


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