बड़ी सफलता: शोपियां में दो आतंकी साथियों की गिरफ्तारी, हथियारों का जखीरा बरामद, जांच जारी


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-20 13:27:38



 

कश्मीर की शांत वादियों में आतंक के काले बादल मंडराते रहते हैं। सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और खुफिया जानकारी के आधार पर, शोपियां के डीके पोरा इलाके में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त कार्रवाई ने दो ऐसे संदिग्धों को बेनकाब किया है, जो आतंक की आग को भड़काने में मददगार साबित हो सकते थे। इनकी गिरफ्तारी न केवल एक बड़ी साजिश को नाकाम करती है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 

संयुक्त अभियान और गिरफ्तारी:

शोपियां के डीके पोरा क्षेत्र में सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), एसओजी शोपियां और सीआरपीएफ की 178वीं बटालियन ने मिलकर एक विशेष अभियान चलाया। यह संयुक्त कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी, जिसमें क्षेत्र में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर दो व्यक्तियों को पकड़ा, जिनकी पहचान आतंकी गतिविधियों में शामिल मददगारों के तौर पर की गई है। इस त्वरित और सटीक कार्रवाई ने आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

बरामद हथियार और गोला-बारूद:

गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। सुरक्षाबलों ने इनके पास से दो पिस्तौलें बरामद की हैं, जो आतंकवादियों द्वारा अक्सर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, चार ग्रेनेड भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल भीड़भाड़ वाले इलाकों या सुरक्षाबलों पर हमले के लिए किया जा सकता था। सबसे खतरनाक बरामदगी 43 जिंदा कारतूसों की है, जो इन हथियारों को घातक बनाने के लिए पर्याप्त थे। इनके अलावा, कुछ अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। यह बरामदगी दर्शाती है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया:

इस घटना के संबंध में एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर ली गई है और आगे की गहन जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन गिरफ्तार व्यक्तियों के संबंध किन आतंकी संगठनों से हैं और ये किन गतिविधियों में शामिल थे। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन्हें हथियार और गोला-बारूद कहां से मिले और इनके नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं। कानूनी प्रक्रिया के तहत, इन संदिग्धों को अदालत में पेश किया जाएगा और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यह गिरफ्तारी क्षेत्र में सक्रिय अन्य आतंकी मददगारों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि सुरक्षाबल हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव:

शोपियां में इन दो आतंकी सहयोगियों की गिरफ्तारी सुरक्षाबलों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह न केवल क्षेत्र में संभावित आतंकी हमलों को रोकने में मददगार साबित होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करेगी। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई दिखाती है कि वे आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह की आतंकी साजिश को विफल करने के लिए तैयार हैं। इस तरह की संयुक्त कार्रवाइयों से उम्मीद है कि कश्मीर घाटी में शांति और स्थिरता कायम करने में मदद मिलेगी।


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