एक्शन भोपाल, इंदौर, मंदसौर में ED का बड़ा एक्शन! शराब ठेकेदारों के 11 ठिकानों पर छापेमारी


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-04-29 18:58:43



 

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश में शराब ठेकेदारों के एक बड़े नेटवर्क के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। भोपाल, इंदौर और मंदसौर सहित राज्य के 11 अलग-अलग ठिकानों पर ED की टीमों ने तलाशी और जब्ती की कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई शराब ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज एक FIR के आधार पर की गई है, जिसमें सरकारी राजस्व को लगभग 50 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

मध्य प्रदेश में शराब ठेकेदारों के 11 ठिकानों पर ED की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में फैले शराब ठेकेदारों से जुड़े 11 परिसरों पर एक साथ तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह कार्रवाई भोपाल, इंदौर और मंदसौर में स्थित इन शराब कारोबारियों के ठिकानों पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य कथित वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी राजस्व की चोरी से संबंधित सबूत जुटाना था।

ट्रेजरी चालान में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप

ED ने यह जांच शराब ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू की है। FIR में आरोप लगाया गया है कि इन ठेकेदारों ने ट्रेजरी चालानों में जालसाजी और हेरफेर करके सरकारी खजाने को 49 करोड़ 42 लाख 45 हजार 615 रुपये का भारी नुकसान पहुंचाया। यह धोखाधड़ी वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान शराब के अधिग्रहण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने में भी की गई।

चालानों में जालसाजी का तरीका हुआ उजागर

मामले की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आरोपी शराब ठेकेदार छोटी रकम के चालान तैयार करते थे और उन्हें बैंक में जमा करते थे। चालान के निर्धारित प्रारूप में, अंकों और शब्दों दोनों में राशि लिखने का प्रावधान था। ठेकेदार अंकों में सही राशि भरते थे, लेकिन शब्दों में 'रुपये' लिखने के बाद खाली जगह छोड़ देते थे। राशि जमा करने के बाद, वे उस खाली जगह में 'लाख हजार' के रूप में बढ़ी हुई राशि लिख देते थे और इस तरह बढ़े हुए राशि वाले चालानों की प्रतियां देशी शराब के गोदाम या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालय में जमा कर देते थे।

ED की गहन जांच जारी

ED की टीमें अब इन सभी ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेजों और अन्य सबूतों की गहन जांच कर रही हैं ताकि इस पूरे घोटाले की जड़ तक पहुंचा जा सके और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके। ED यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धोखाधड़ी से अर्जित की गई काली कमाई को कहां निवेश किया गया।


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