आज होगा ऐतिहासिक समझौता! भारत खरीदने जा रहा है 26 राफेल लड़ाकू विमान


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-04-29 18:55:38



 

भारत आज अपनी समुद्री सुरक्षा को अभूतपूर्व मजबूती देने वाला एक ऐतिहासिक रक्षा सौदा करने जा रहा है। फ्रांस से 63,000 करोड़ रुपये के 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद का यह समझौता आज हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत और फ्रांस दोनों देशों के उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे।

भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन लड़ाकू विमानों का सौदा आज

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों को हासिल करने के लिए 63,000 करोड़ रुपये का एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता आज (28 अप्रैल) संपन्न होगा। इस समझौते पर भारत की ओर से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और फ्रांस की ओर से भारत में फ्रांस के राजदूत हस्ताक्षर करेंगे। उम्मीद है कि दोनों देशों के रक्षा मंत्री भी इस हस्ताक्षर समारोह में दूरस्थ रूप से शामिल होंगे।

रक्षा मंत्रालय मुख्यालय के बाहर होगा हस्ताक्षर समारोह

सूत्रों के अनुसार, यह महत्वपूर्ण हस्ताक्षर समारोह रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय, साउथ ब्लॉक के बाहर आयोजित किए जाने की संभावना है। पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन निजी कारणों से उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी।

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पहले ही दी थी मंजूरी

इस महीने की शुरुआत में ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने इस बड़े रक्षा सौदे को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी, जिससे आज इस पर अंतिम मुहर लगने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

भारतीय नौसेना को नए लड़ाकू विमानों की तत्काल आवश्यकता

देश के विमान वाहक पोतों को तैनाती के लिए नए लड़ाकू विमानों की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि मौजूदा मिग-29 के लड़ाकू विमानों का बेड़ा रखरखाव संबंधी समस्याओं के कारण अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। राफेल लड़ाकू विमानों को वर्तमान में सेवा में मौजूद विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाने की उम्मीद है।

भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित होंगे राफेल एम जेट

प्राप्त किए जा रहे राफेल एम जेट विमानों को भारतीय नौसेना की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा और इन्हें विमान वाहक पोत में एकीकृत किया जाएगा। ये विमान वाहक पोत से संचालित होने वाले लड़ाकू विमान एक अंतरिम समाधान के तौर पर खरीदे जा रहे हैं, जब तक कि स्वदेशी रूप से विकसित विमान वाहक लड़ाकू विमान का निर्माण पूरा नहीं हो जाता।

सरकार-से-सरकार अनुबंध में शामिल हैं कई महत्वपूर्ण चीजें

यह सरकार-से-सरकार अनुबंध 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट विमानों के साथ-साथ बेड़े के रखरखाव, लॉजिस्टिकल सपोर्ट, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी घटकों के निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है।

आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे राफेल एम जेट

राफेल एम जेट विमान आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29के बेड़े को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे, जिससे भारतीय नौसेना की हवाई ताकत और मजबूत होगी।

भारतीय वायुसेना पहले से ही उड़ा रही है 36 राफेल विमान

भारतीय वायुसेना पहले से ही 2016 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत खरीदे गए 36 राफेल विमानों का एक बेड़ा संचालित कर रही है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में स्थित हैं।

नए सौदे से भारत में राफेल जेट की कुल संख्या बढ़कर होगी 62

यह नया सौदा भारत में राफेल जेट विमानों की कुल संख्या को बढ़ाकर 62 कर देगा, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह का संभावित वक्तव्य (अनुमानित)

हालांकि इस तथ्य में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह का कोई सीधा बयान शामिल नहीं है, लेकिन इस महत्वपूर्ण सौदे पर हस्ताक्षर के दौरान वे भारत की रक्षा तैयारियों और इस अधिग्रहण के महत्व पर जोर दे सकते हैं। वे फ्रांस के साथ भारत के मजबूत रक्षा संबंधों और भविष्य में सहयोग की संभावनाओं पर भी बात कर सकते हैं।

भारत में फ्रांस के राजदूत का संभावित वक्तव्य (अनुमानित)

इसी तरह, भारत में फ्रांस के राजदूत भी इस अवसर पर फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की गहराई और राफेल लड़ाकू विमानों की क्षमताओं पर अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। वे इस सौदे को दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग का प्रतीक बता सकते हैं।


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