पहलगाम हमले के बाद अटारी बॉर्डर पर अफरा-तफरी! वापस लौट रहे पाकिस्तानी नागरिक 


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-04-29 17:55:53



 

पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर पर एक अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली। जहां एक तरफ पाकिस्तानी नागरिक अपने वतन लौट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सीमा पर रिश्तों और भावनाओं का एक जटिल दृश्य भी सामने आया है। एक तरफ हमले की निंदा करने वाले पाकिस्तानी नागरिक हैं, तो दूसरी तरफ बरसों बाद अपने परिवार से मिली एक भारतीय महिला है जो वापस पाकिस्तान जाने के लिए बेताब है।

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानियों का लौटना जारी

पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद, अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से पाकिस्तानी नागरिकों का अपने देश वापस लौटना जारी है। यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना रहा है।

पाकिस्तानी नागरिक ने की हमले की कड़ी निंदा

पाकिस्तान के सिंध प्रांत से नागपुर घूमने आए एक पाकिस्तानी नागरिक ने लौटते समय अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम पाकिस्तान के सिंध से नागपुर आए थे। हम एक महीने के लिए आए थे, हमारी अवधि पूरी हो गई थी, इसलिए अब हम वापस जा रहे हैं। हम घूमने आए थे... यह (पहलगाम आतंकवादी हमला) हिंदुत्व के साथ बहुत गलत हुआ; यह नहीं होना चाहिए था। यह मानवता के साथ भी गलत है..." उनके इस बयान से हमले के प्रति उनकी संवेदना और खेद स्पष्ट रूप से झलकता है।

भारतीय महिला 13 साल बाद लौटी, पाकिस्तान जाने को बेताब

वहीं, एक भारतीय महिला, जिसने एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी की है, 13 साल बाद अपने चार बच्चों के साथ भारत लौटी थी। उसने बताया, "मैं शादी के बाद पाकिस्तान गई थी, और मैं 13 साल बाद चार बच्चों के साथ वापस आई हूं। मैं अपने माता-पिता से मिलने के लिए ढाई महीने यहां रही, और उसके बाद मुझे पाकिस्तान वापस जाना था..." उसकी यह बात सीमा पार के रिश्तों की जटिलता और लंबे समय बाद अपने परिवार से मिलने की खुशी को दर्शाती है।

सीमा पर भावनाओं का ज्वार

अटारी बॉर्डर पर ऐसे कई दृश्य देखने को मिले जहां लोग अपने रिश्तेदारों को विदा कर रहे थे, जिनकी आंखों में बिछड़ने का दर्द साफ झलक रहा था। यह स्थिति सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों के बीच मानवीय संबंधों की अटूट डोर को दर्शाती है, जो राजनीतिक तनाव के बावजूद कायम है।


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